अलवर :हरियाणा सीमा पर चल रहे कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली समाजसेवी मेधा पाठकर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान मेधा पाटकर ने कहा कि सरकार अडानी और अंबानी के हाथों बिक गई है. पाटकर ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर तैयार है, इससे स्पष्ट है कि कृषि कानूनों में कमी है. ऐसी स्थिति में सरकार को तुरंत तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरे देश का किसान सड़क पर है, लेकिन सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है, आखिर केंद्र सरकार की क्या मजबूरी है?
किसान आंदोलन में मेधा पाटकर ने कहा कि हरियाणा और पंजाब क्षेत्र में बड़ी-बड़ी कंपनियों के वेयरहाउस बनने लगे हैं, सरकार को मंडियों पर ध्यान देना चाहिए था. उन्होने कहा कि मंडियों के लिए नए कानून बनाने चाहिए थे और मंडियों की संख्या बढ़ानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि जब निजी तंत्र में इतना पैसा खर्च हो सकता है, तो सरकार खुद के तंत्र को मजबूत करने के लिए पैसा खर्च क्यों नहीं करती है?