नई दिल्ली : एअर इंडिया विनिवेश के बाद टाटा समूह को मिले स्वामित्व पर सिंधिया ने कांग्रेस नीत यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियों पर जोरदार हमला किया. संसद के बजट सत्र के दौरान अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए सिंधिया ने कहा कि एअर इंडिया के कर्ज में डूबने का कारण अनाप-शनाप खरीदारी और बिना सोचे-समझे बजटीय आवंटन करना था. उन्होंने आश्वस्त किया कि टाटा समूह के मालिकाना हक के बावजूद एअर इंडिया कर्मियों की नौकरी नहीं छिनेगी. विनिवेश को लेकर भी कांग्रेस पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने कहा कि जो लोग विनिवेश का आरोप लगा कर हमारी आलोचना कर रहे हैं उन्हें अपनी सरकारों का रिकार्ड भी देखना चाहिए.
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एअर इंडिया के विनिवेश के सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए कहा, देश के नवरत्नों में शामिल एअर इंडिया की दुर्दशा के लिए यूपीए सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान 111 एयरक्राफ्ट की खरीद एवं एअर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्स के विलय के बाद से ही एअर इंडिया की हालत खस्ता होती चली गई.
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की लोक सभा में मौजूदगी के दौरान सिंधिया ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान लिए गए गलत फैसलों की वजह से एअर इंडिया की आर्थिक हालत लगातार खराब होती चली गई, घाटा बढ़ता चला गया. उन्होंने कहा कि जो एअर इंडिया 2005-06 में 14-15 करोड़ के मुनाफे में थी, उसे अगले 14 वर्षों में 85 हजार करोड़ का नुकसान झेलना पड़ गया.
सोनिया गांधी के विरोध और कांग्रेस सांसदों के हंगामे के बीच पलटवार करते हुए सिंधिया ने कहा कि, मैं तो इस बारे में चुप था, कुछ बोलना नहीं चाहता था, लेकिन आपने ही मेरा मुंह खुलवाया है तो अब सच सुनने की क्षमता रखिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस घाटे को बंद करने और इस राशि का इस्तेमाल उज्जवला और मुफ्त राशन जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं में करने का फैसला किया और इसलिए एअर इंडिया को टाटा को दिया गया.