जोधपुर. राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल, जिसे दूसरी सबसे सुरक्षित जेल मानी जाती है. जोधपुर सेंट्रल जेल में चार फरवरी को बना एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह जोधपुर सेंट्रल जेल में मोबाइल चार्जर और इयरफोन मंगवाए जा रहे हैं. दरअसल, जेल में आने वाली राशन की बोरियों में ये सामान छिपाकर लाए जाते हैं. इतना ही नहीं, इस कारनामे को जेल के कर्मचारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया जाता है.
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बता दें, यह वीडियो चार फरवरी को जेल के एक अधिकारी ने ही बनाया है. जबकि राशन की बोरियों में निषिद्ध सामग्री मिलने के बावजूद जेल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. यहां तक कि इस मामले को बाहर भी नहीं आने दिया गया. जब कुछ दिनों बाद यह वीडियो पुलिस के सामने आया तो हरकत में आई पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज किया और पूछताछ शुरू की.
सेंट्रल जेल सेंट्रल जेल में इसके बाद पुलिस ने 24 फरवरी की आधी रात को जेल में अचानक तलाशी ली. इस दौरान पुलिस ने जेल से 17 मोबाइल फोन और 18 सिमकार्ड बरामद की. सूत्रों के अनुसार 24 फरवरी की रात को जब जेल में पुलिस पहुंची तो जेल कर्मचारियों में भगदड़ मच गई और उस दौरान कुछ मोबाइल जेल से बाहर भी फेंके गए.
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घटना के बाद रातानाड़ा थाने में 25 फरवरी को इस संबंध में मामला दर्ज किया गया. मामले में जेल में 17 मोबाइल मिलना, जेल के राशन स्टोर के अंदर बने वीडियो बनना और जेल के बाहर लावारिस मोबाइल फोन मिलने के संबंध में शिकायत दर्ज की गई है.
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वीडियो के अनुसार राशन की बोरियों में खुलेआम जेल में मोबाइल, चार्जर और इयरफोन आना कहीं न कहीं जेल की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े करता है. साथ ही वीडियो में दिख रहे सभी जेल के अधिकारियों की इस घटना में संलिप्ता का पता चल रहा है.
पुलिस के सामने वीडियो आने और 17 मोबाइल मिलने की घटना के एक महीने बाद अब पुलिस ने इस मामले में गहनता से जांच शुरू की. पुलिस की ओर से शुरुआती जांच के तौर पर जोधपुर सेंट्रल जेल की उपकारापाल सद्दाम हुसैन, महा मुख्य प्रहरी चंद गीला, राशन स्टोर कारापाल प्रशासन जगदीश पुनिया और राशन स्टोर प्रभारी लक्ष्मण सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. स्थानीय पुलिस प्रशासन ने इस संबंध में रिपोर्ट बनाकर डीजीपी जेल राजीव दासोत को भेज दी है.