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छत्तीसगढ़ में सियासी संग्राम पर जानिए क्या कहा कांग्रेस के विधायक बृहस्पति सिंह ने - chhattisgarh news

बीते एक सप्ताह से दिल्ली में चल रहे सियासी ड्रामे के बाद आखिरकार विधायकों का जत्था दिल्ली से रायपुर लौट आया है. वह भी बिना हाईकमान से मुलाकात किये, खाली हाथ. इधर बृहस्पति सिंह ने इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में अपनी बात रखी है.

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Published : Oct 5, 2021, 8:52 PM IST

रायपुर : विधायक बृहस्पति सिंह (MLA Brihaspati Singh) इन दिनों सुर्खियों में हैं. वे कभी विधायकों को रायपुर से दिल्ली लेकर जाते हैं तो कभी दिल्ली से रायपुर लेकर आते हैं. इस दौरान वे मुख्यमंत्री बदलने को लेकर भी कभी बीजेपी तो कभी टीएस सिंहदेव (TS Singhdev) पर आरोप लगाते रहे हैं. आखिर इस ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले (Two And a Half Year Formula) और कप्तान परिवर्तन को लेकर पार्टी के अंदर घमासान क्यों मचा है ? बार-बार इस तरह की स्थिति निर्मित क्यों हो रही है ? इसके क्या मायने हैं ? ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब ईटीवी भारत ने विधायक बृहस्पति सिंह से जानने की कोशिश की. लेकिन विधायक बृहस्पति सिंह ईटीवी भारत के तीखे सवाल सुनते ही भागते नजर आए.

छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के अधिकतर विधायक बार-बार दिल्ली जा रहे हैं-आ रहे हैं, इसकी मुख्य वजह क्या है? सवाल का जवाब देते हुए विधायक सिंह ने कहा कि हम सभी विधायक पहले भी दिल्ली आते-जाते रहे हैं और अभी भी आ-जा रहे हैं. पहले हमारा एक-दूसरे से इतना अच्छा परिचय नहीं था, लेकिन अब परिचय है. इसलिए हम एक साथ दिल्ली आना-जाना करते हैं. लेकिन अब सरकार बनने के बाद जब हम विधायक दिल्ली जाते हैं तो चर्चा शुरू हो जाती है. लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. पिछले दिनों इन सारी बातों का पटाक्षेप तो हो चुका है.

विधायक बृहस्पति सिंह से खास बातचीत.

बृहस्पति ने कहा कि जहां तक ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले की बात है तो कभी भी राहुल गांधी और पीएल पुनिया ने ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री या सीएम बदलने की बात नहीं कही है. यहां तक कि भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव ने भी मुख्यमंत्री बदलने की बात कभी नहीं कही है. उन्होंने कहा कि ये बातें भारतीय जनता पार्टी के द्वारा फैलाई जा रही हैं. वे किसी भी कीमत पर अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकेंगे. भारतीय जनता पार्टी देसी अंग्रेज है. भाजपा ईस्ट इंडिया कंपनी की तर्ज पर देश के विभिन्न राज्यों में फूट डाल रही है और सरकारों को अस्थिर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सरगुजा के महाराज के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार को अस्थिर करने का भाजपा और आरएसएस प्रयास कर रहे हैं. बृहस्पति ने कहा कि यह सारे काम नागपुर में बैठे आरएसएस के इशारे पर किया जा रहा है. भाजपा के द्वारा बिहार, उत्तर प्रदेश, वेस्ट बंगाल, मध्य प्रदेश और पंजाब में सरकारों को प्रभावित किया जा रहा है. और अब छत्तीसगढ़ सरकार को सरगुजा के महाराज के माध्यम से अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं. बृहस्पति सिंह ने कहा कि सरगुजा के महाराज विद्वान और होशियार हैं. वे 100 जन्मों तक भी कांग्रेस नहीं छोड़ने की बात कह रहे हैं. इसलिए देसी अंग्रेज अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश में अच्छा काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. उन्हें हाईकमान का आशीर्वाद प्राप्त है. सभी 70 विधायक एक साथ हैं.

बृहस्पति सिंह ने कहा कि टीएस सिंहदेव राज्य के बहुत वरिष्ठ मंत्री हैं. महाराजा भी हैं. टीएस सिंहदेव भूपेश बघेल की टीम में बेहतर काम कर रहे हैं. मंत्री का दायित्व निभा रहे हैं. सरकार चलाने में सहयोग कर रहे हैं. आगे भी जय-वीरू की जोड़ी सलामत रहेगी. भाजपा की नजर इन्हें नहीं लगेगी. छत्तीसगढ़ से पहले मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का काम किया. बीजेपी का लगातार षड्यंत्र चल रहा है. नागपुर के आरएसएस के लोग फूट डाल रहे हैं. आरएसएस के सैकड़ों लोग यहां रह रहे हैं. लगातार विधायक-मंत्रियों से एक-एक बात कर रहे हैं. उन्हें तोड़ने का काम कर रहे हैं. सोशल मीडिया में लगातार फेक न्यूज बनाकर राज्य सरकार को अस्थिर बनाने का काम बीजेपी कर रही है.

उन्होंने कहा किभारतीय जनता पार्टी का यह षड्यंत्र जारी है और लगातार जारी रहेगा. टीएस सिंहदेव विद्वान व्यक्ति हैं. मंत्री हैं. टीएस सिंहदेव हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. बेहतर काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. भूपेश बघेल की सरकार 5 साल का कार्यकाल पूरा करेगी. आगे भी इसी तरह काम करते रहेंगे और आने वाले समय में भाजपा को मुंहतोड़ जवाब देंगे. फिर से सरकार बनाएंगे.

मुख्यमंत्री के समर्थन में कुछ विधायक के हस्ताक्षरयुक्त पत्र दिल्ली ले जाने की बात आई थी, वह क्या था? यह सवाल सुनते ही बृहस्पति सिंह देव भागते नजर आए. उन्होंने इस मामले पर कुछ नहीं कहा और ईटीवी भारत को धन्यवाद करते हुए वह निकल गए. बहरहाल अब देखने वाली बात यह है कि प्रदेश में ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला और कप्तान परिवर्तन का मुद्दा कब थमता है. या फिर वाकई में प्रदेश में यह परिवर्तन होकर रहेगा. इसका जवाब आने वाले समय में ही मिल सकेगा.

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