आइजोल: दक्षिण मिजोरम के हनहथियाल जिले में सोमवार को ढही पत्थर की एक खदान के मलबे से दो और शव बरामद किए गए हैं, जिससे इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मृतकों में पश्चिम बंगाल के पांच, झारखंड और असम के दो-दो तथा मिजोरम के लुंगलेई जिले का एक श्रमिक शामिल है.
पीएम मोदी ने मिजोरम में पत्थर खदान गिरने से हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की.
हनथियाल कस्बे से करीब 23 किलोमीटर दूर मौदढ़ गांव में सोमवार को पत्थर की खदान धंसने से वहां काम कर रहे कुल 12 लोग लापता हो गए थे. हनहथियाल के जिला उपायुक्त आर लालरेमसंगा ने कहा, 'मंगलवार रात सघन तलाशी अभियान के बाद मलबे से दो और शव बरामद किए गए हैं. इसके साथ ही पत्थर की खदान के मलबे में दबे कुल 12 लोगों में से 10 का पता लगा लिया गया है.'
उन्होंने बताया कि दो श्रमिक अब भी लापता हैं और उनकी तलाश जारी है. ये श्रमिक मिजोरम और असम के रहने वाले हैं. हनहथियाल के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार ने कहा कि पत्थर की खदान में जब भूस्खलन हुआ, तब वहां कुल 13 श्रमिक काम कर रहे थे। हालांकि, इनमें से एक बाहर निकलने में सफल हो गया, जबकि 12 अन्य मलबे में फंस गए.
ये भी पढ़ें-दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप हब में से एक भारत : पीएम मोदी
प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि श्रमिकों ने बहुत गहरी खुदाई कर दी थी, जिससे पत्थर की खदान ढह गई. लालरेमसंगा ने बताया कि हादसे में खुदाई करने वाली पांच मशीनें, एक स्टोन क्रशर और एक ड्रिलिंग मशीन भी पूरी तरह से मलबे में दब गए. उन्होंने कहा कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र लगभग 5,000 वर्ग मीटर है.
पत्थर की इस खदान का स्वामित्व एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के पास है. हादसे में लापता 12 लोगों में से चार एबीसीआई इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी थे, जबकि आठ अन्य एक ठेकेदार के साथ काम करते थे.
(एक्सट्रा इनपुट भाषा)