नई दिल्ली : मिजोरम में लालदुहोमा की पार्टी ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है. 40 सदस्यीय राज्य विधानसभा में उनकी पार्टी को 27 सीटें मिली हैं.
74 वर्षीय लालदुहोमा पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं. उन्होंने 1984 में लोकसभा का चुनाव लड़ा था. उससे पहले वह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सुरक्षा टीम में शामिल थे. संसद सदस्य बनने के बावजूद उन्हें दल बदल विरोधी कानून के तहत दोषी ठहराया गया और उनकी सदस्यता चली गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बतौर आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा ने गोवा में तस्करों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी थी. संभवतः उनके जुझारूपन से प्रभावित होकर ही उन्हें पीएम की सुरक्षा टीम में जगह दी गई थी. लेकिन उनका मन राजनीति में तभी से रमने लगा था. इसलिए उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली. वह मिजोरम कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त किए गए.
जिस समय वह राजनीति में आए थे, उस समय मिजो नेशनल फ्रंट ने भारत सरकार के खिलाफ अपना रुख रखा था. लालदुहोमा ने दोनों के बीच शांति समझौता करवाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. उनके प्रयास की बदौलत ही एमएनएफ के नेता लालडेंगा की मुख्यधारा में वापसी हुई थी. हालांकि, जिस दिन लालडेंगा और इंदिरा गांधी की मुलाकात होने वाली थी, उसी दिन इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी.
दो साल बाद 1986 में लालदुहोमा ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. उनकी संसद सदस्यता खत्म हो गई. उसके बाद लालदुहोमा ने मिजो नेशनल यूनियन का गठन किया. इसके बाद उन्होंने मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस की स्थापना की. लेकिन 2018 आते-आते उन्होंने एक नया गठबंधन बना लिया. इसका नाम रखा गया जोरम पीपुल्स मूवमेंट यानी जेडपीएम. इसका रजिस्ट्रेशन 2019 में किया गया. अगले साल 2020 को उनको फिर से दल बदल कानून के तहत विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा.