चंडीगढ़: राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे से जहां हरियाणा बीजेपी में भी उत्साह दिखाई दे रहा है. जननायक जनता पार्टी में राजस्थान के बाद कहीं ना कहीं हताशा देखने को मिल रही है. हालांकि पार्टी के नेता इस बात को मानने से इनकार करते दिखाई देते हैं. वहीं, अगर हम बात कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में हुए शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई की करें तो वे राजस्थान विधानसभा चुनाव में वे बीजेपी के लिए अहम कड़ी साबित हुए.
राजस्थान चुनाव में जेजेपी के हाथ लगी निराशा: राजस्थान चुनाव में बड़ी उम्मीद के साथ मैदान में उतरी जननायक जनता पार्टी हरियाणा की तरह राजस्थान की सत्ता में अपनी चाबी का इस्तेमाल नहीं कर पाई. राजस्थान में 19 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करने वाली जेजेपी की लगभग सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई. राजस्थान की सत्ता में अपनी चाबी के दम पर प्रवेश करने का जेजेपी का मंसूबा कामयाब नहीं हो पाया. जननायक जनता पार्टी उम्मीद कर रही थी कि हरियाणा से सटे राजस्थान के जिलों से वह शायद राजस्थान की विधानसभा में प्रवेश कर जाए. विधानसभा में तो प्रवेश नहीं मिला बल्कि उसे अपने उम्मीदवारों की जमानत बचना भी मुश्किल हुआ.
राजस्थान चुनाव में मिली हार पर क्या कहते हैं दुष्यंत चौटाला?: जननायक जनता पार्टी उम्मीद कह रही थी कि जिन 19 सीटों पर उनके उम्मीदवार चुनाव मैदान में लड़ रहे हैं उनमें से कुछ सीट उनके हाथ लग जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. लगभग सभी सीटों पर जेजेपी के उम्मीदवारों की जमानत तक नहीं बच पाई. राजस्थान के चुनाव के नतीजों को लेकर खुद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला कहते हैं कि उम्मीद के मुताबिक जेजेपी को परिणाम नहीं मिले. हालांकि वे कहते हैं कि राजस्थान में उन्होंने ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है. हालांकि जेजेपी के सभी उम्मीदवारों को सिर्फ 51 हजार से अधिक वोट मिल पाए.
अनिल विज ने एक तीर से साधे दो निशाने: हालांकि बीजेपी के नेता जननायक जनता पार्टी की राजस्थान में हुई हर पर कोई सीधा बयान नहीं दे रहे हैं. वहीं, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने आज तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद खुशी को जताते हुए आम आदमी पार्टी के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि आम आदमी पार्टी अब जेजेपी बन गई है. उन्होंने आम आदमी पार्टी अब जेजेपी बनी यानी जमानत जब्त पार्टी बन गई है.
जेजेपी की हार पर क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक?: जननायक जनता पार्टी की राजस्थान में हुई करारी हार को लेकर राजनीतिक मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि हरियाणा में जेजेपी और बीजेपी का गठबंधन अब बीजेपी के हाईकमान पर निर्भर है. वे कहते हैं कि अगर जननायक जनता पार्टी राजस्थान में 4 से 5 फ़ीसदी वोट लेने में कामयाब होती तो स्थिति अलग होती. वहीं, अब मौजूदा दौर में जननायक जनता पार्टी हरियाणा में राजस्थान के चुनाव की वजह से बीजेपी के सामने कमजोर पड़ चुकी है. वे कहते हैं कि आने वाले दिनों में यह गठबंधन ना रहे तो कोई हैरानी की बात नहीं है.
राजस्थान चुनाव परिणाम का हरियाणा में असर!: जेजेपी के राजस्थान में चुनावी नतीजे के संबंध में बात करते हुए राजनीतिक मामलों की जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि जननायक जनता पार्टी ने राजस्थान में चुनाव लड़ा लेकिन उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले. हालांकि उनका पहले भी वहां पर जनाधार रहा है. वे कहते हैं कि जिस तरीके से आज के दौर में डायरेक्ट फाइट से नतीजे आ रहे हैं, हो सकता है आने वाले दिनों में बीजेपी हरियाणा में सीधे तौर पर कांग्रेस के साथ डायरेक्ट चुनाव लड़े और क्षेत्रीय दलों की भूमिका को दरकिनार करे. वे कहते हैं कि भले ही 5 साल जेजेपी के साथ सरकार बीजेपी ने चलाई हो, लेकिन कोई भी राष्ट्रीय पार्टी, खासतौर पर बीजेपी चाहेगी कि इसका वर्चस्व एक तरफा हो. ताकि वह मजबूती से सरकार चलाएं.