अमरावती :बचपन में अपने परिवार से अलग हुई महिला की अपने भाइयों से 38 साल के लंबे अंतराल के बाद मुलाकात हो सकी. सोशल मीडिया के जरिये इस महिला के भाईयों से संपर्क स्थापित किया जा सका.
हालांकि 45 वर्षीयमगम्मा की अपने भाई-बहनों से मिलने की हमेशा इच्छा रहती थी. यही वजह है कि जब भी कोई उससे भाई-बहन और माता-पिता के बारे में बात करता तो वह चुप हो जाती थी. कई बार वह उनको याद कर रोने भी लगती थी. इस पर मगम्मा के दामाद ने उसके परिवार वालों से मिलाने का फैसला किया. इसके बाद उसने मगम्मा के द्वारा बताए गए विवरण के आधार पर सोशल मीडिया के जरिये पता लगाना शुरू किया. उसकी मेहनत रंग लाई और लगभग 38 साल बाद मगम्मा की जब अपने भाई से फोन पर बात हुई तो दोनों भाई-बहन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
इसके बाद मंगम्मा के दोनों भाई उससे मिलने आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के अमृतालुरु के यालावरू पहुंच गए. यहां पर हुई उनकी मुलाकात के दौरान तीनों के आंखों में खुशी के आंसू निकल पड़े. घटना के मुताबिक तेलंगाना राज्य के वानापर्थी जिले के मदनपुर मंडल के नेलिवेदी गांव के कसानी नागन्ना और तारकम्मा की तीसरी संतान मगम्मा अपने सात साल की उम्र में पिता के साथ हैदराबाद आई थी. लेकिन उसके द्वारा ठीक से पढ़ाई नहीं किए जाने पर उसके पिता अपने दोस्त के घर पर उसे छोड़ गए थे.
लेकिन वह घर से बिना किसी को बताए ही निकल गई. इस दौरान उसे सड़क पर भटकता हुआ देखकर एक बूढ़े व्यक्ति ने उससे झूठ बोला कि वह उसे उसकी मां के पास ले जाएगा. उस व्यक्ति ने उसे नाश्ता दिया और ट्रेन से विजयवाड़ा ले आया. बाद में वह बूढ़ा व्यक्ति तारकम्मा को वेमुरु मंडल के गुंटूर जिले में ले गया और उसकी पिटाई कर रहा था. इस दौरान स्थानीय लोगों ने तय किया कि वह व्यक्ति लड़की का कहीं से अपहरण करके लाया है. इसके बाद उसे बूढ़े से चंगुल से अलग किया.