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DNA जांच से पता चलेगा शव लापता जवान शाकिर का है या नहीं

कुलगाम में सड़ी-गली अवस्था में एक शव मिला है. माना जा रहा है कि ये शव प्रादेशिक सेना की 162 बटालियन में तैनात शाकिर का है. शाकिर का पिछले साल दो अगस्त को अपहरण कर लिया गया था. शव का डीएनए परीक्षण कराया जा रहा है.

शाकिर
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Published : Sep 22, 2021, 7:12 PM IST

कुलगाम (कश्मीर) : सेना ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में एक मोबाइल टॉवर के पास सड़ी-गली अवस्था में एक शव बरामद किया. इसके साथ ही एक साल बाद बुधवार को एक पिता की अपने पुत्र शाकिर वागे का शव मिलने की उम्मीद भी जाग उठी. वागे प्रादेशिक सेना में काम करता था और आतंकवादियों ने उनकी हत्या कर दी थी.

मंज़ूर (56) ने कहा, 'मुझे यकीन है कि यह उसका ही शव है. उनके पैरों की बनावट मेरे जैसे ही है और बाल भी एक जैसे ही हैं.'

उनके परिवार ने पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से 15 किलोमीटर दूर रेशीपोरा के पास अपने गांव में शाकिर वागे की पहली पुण्यतिथि मनाई थी जो अपने परिवार का कमाने वाला इकलौता सदस्य था.

डीएनए जांच कराई जाएगी
मंजूर ने बताया कि ऐसा लग रहा था कि उनके बेटे का शव कहीं और दफनाया गया था और बाद में शव को उस मोबाइल टावर के पास फेंक दिया गया. मोबाइल टावर के पास एक शव होने की सूचना मिलने के बाद 34 राष्ट्रीय राइफल ने सड़ी-गली हालत में पड़े उस शव को बरामद किया. शव स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस ने डीएनए नमूने एकत्र करने और परिवार के सदस्यों के साथ इसका मिलान करने के लिए पड़ोसी अनंतनाग जिले से एक टीम बुलायी. कंकाल के अवशेषों को डीएनए परीक्षण के लिए श्रीनगर ले जाया गया. परिवार के एक सदस्य ने बताया कि मंजूर को भी श्रीनगर ले जाया गया है. दुखी मंजूर ने कहा, 'मुझे यकीन है कि यह उसका (शाकिर) का शव है, लेकिन कानूनी कार्रवाई खत्म हो जाए. उसके बाद मैं उसे रीति-रिवाजों के साथ दफन करूंगा.'

पिछले साल किया गया था अपहरण
पिछले साल दो अगस्त को शाकिर का अपहरण कर लिया गया था. उसके बाद वागे परिवार को अन्य मुसीबतों का भी सामना करना पड़ा. वागे का सबसे बड़ा भाई मुजफ्फर एक ट्रक चालक था लेकिन एक दुर्घटना का शिकार हो गया और शारीरिक रूप से स्थायी तौर पर अशक्त हो गया. मंजूर का दूसरा बेटा शाहनवाज बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए) के दूसरे सेमेस्टर का छात्र है.

शाहनवाज ने कहा, 'उनके (शाकिर के) पैर की सर्जरी हुई थी और टांके के निशान अब भी शव पर थे. उनके दाहिने हाथ में कड़ा भी था.' सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री से जुड़ी प्रादेशिक सेना की 162 बटालियन में तैनात शाकिर घर से बीही बाग स्थित सैन्य शिविर जा रहे थे, तभी आतंकवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया. अगले दिन उनकी कार जली हुई मिली और बाद में खून से लथपथ उनके कपड़े बरामद मिले.

शकूर पर्रे ने ली थी हत्या की जिम्मेदारी
अधिकारी के अनुसार, शुरू में लगा कि शायद शाकिर आतंकी समूह में शामिल हो गए लेकिन बाद में प्रतिबंधित आतंकी गुट अल-बदर के एक स्वयंभू कमांडर शकूर पर्रे ने शाकिर की हत्या की जिम्मेदारी ली. बाद में आतंकवाद विरोधी एक अभियान के दौरान 44 राष्ट्रीय रायफल्स के समक्ष अल-बदर के एक आतंकी ने समर्पण किया जिसने जांचकर्ताओं को बताया कि शाकिर को पर्रे ने मार डाला और एक अज्ञात स्थान पर उनका शव दफना दिया.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर में प्रादेशिक सेना का जवान लापता, अपहरण की आशंका

अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए या आत्मसमर्पण कर चुके कम से कम तीन आतंकवादियों ने जांचकर्ताओं को बताया कि उन्होंने शाकिर को प्रताड़ित किया और फिर पर्रे ने उन्हें मार डाला.

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