उन्नावःजिले में 8 दिसंबर को 2 माह से लापता युवती का शव मिलने से हड़कंप मच गया. पुलिस ने आरोपी के साथी की निशानदेही पर मजिस्ट्रेट और परिजनों की मौजूदगी में युवती का शव बरामद किया. पुलिस डॉग स्क्वायड को बुलाकर जांच में जुट गई. शव बरामद होने की सूचना पर एसपी समेत कई थानों की फोर्स को मौके पर बुलाया गया. मृतक युवती की मां ने पुलिस पर सपा सरकार में मंत्री रहे स्व. फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह से मिलीभगत और लापरवाही का आरोप लगाया है.
मामला सदर कोतवाली काशीराम कॉलोनी का है. जहां रहने वाली दलित महिला रीता की बेटी पूजा पिछले दिसंबर माह की 8 तारीख से गायब थी. पीड़ित मां ने 9 दिसंबर को ही पूर्व मंत्री के बेटे रजोल सिंह के खिलाफ तहरीर देते हुए बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया था. सपा के पूर्व राज्यमंत्री और कद्दावर नेता रहे फतेह बहादुर के बेटे से जुड़ा होने के चलते पुलिस लगातार मामले में टालमटोल करती दिखी. लापता बेटी के लिए कोई ठोस कदम न उठाए जाने और आरोपी रजोल सिंह के खुलेआम घूमने को लेकर पीड़ित मां कई बार आला अधिकारियों से मिली लेकिन कार्रवाई के नाम पर सब कुछ शून्य रहा.
इतना ही नहीं कुम्भकर्णीय नींद में सो रहे जिम्मेदारों से परेशान मां ने तंग आकर 24 जनवरी को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के गाड़ी के आगे कूद कर आत्मदाह की कोशिश भी की थी. मामला लखनऊ पहुंचने पर उन्नाव पुलिस के हाथ-पैर फूल गए थे जिसके बाद उन्नाव कोतवाली पुलिस ने आनन-फानन 25 जनवरी को आरोपी रजोल सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. युवती का पता नहीं चलने से बीते 4 फरवरी को पुलिस ने आरोपी रजोल सिंह को पीसीआर रिमांड पर लेकर पूछताछ की, लेकिन सफलता नहीं हासिल हुई. जिसके बाद एसओजी टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से मिले इनपुट के आधार आरोपी के साथी सूरज सिंह को उठा कर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने रजोल के साथ मिलकर युवती की हत्या के उसे दफनाने की बात कबूल कर ली.