हैदराबाद :2020 भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के लिए एक व्यस्त वर्ष रहा है. इस दौरान डीआरडीओ ने कई मिसाइल और सैन्य तकनीकों का परीक्षण किया. इस वर्ष डीआरडीओ पांच नई मिसाइलों का परीक्षण करेगा. इन मिसाइलों का विकास लंबे समय से हो रहा था. उनका इस वर्ष परीक्षण होगा.
ब्रह्मोस-ईआर ब्लॉक IV
डीआरडीओ ने पहले ही ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज को 290 किलोमीटर से 400 किलोमीटर तक बढ़ाया है. संगठन इसको और बढ़ाकर 800 किलोमीटर करने की दिशा में कार्य कर रहा है. यह मिसाइल माक 4.5 (ध्वनि की गति से 4.5 गुना तेज) तक जाने में सक्षम होगी. ब्लॉक IV ब्रह्मोस के दूसरे चरण में तरल ईंधन से चलने वाले रैमजेट इंजन का प्रयोग किया जाएगा. इसमें अतिरिक्त ईंधन भी होगा जो इसकी रेंज को और बढ़ाएगा.
अस्त्र-आईआर
डीआरडीओ ने इनफ्रारेड इमेजरी होमिंग हेड से लैस अस्त्र मिसाइल के कैप्टिव फ्लाइट ट्रायल की योजना बनाई है. यह मध्यम और कम दूरी वाले लक्ष्यों को भेदने में सक्षम होगी.
अस्त्र-आईआर के लिए एक पैसिव इनफ्रारेड सेंसर विकसित किया गया है. अस्त्र-आईआर में अस्त्र-आरएफ बीवीआरएएएम के प्रोपल्शन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा यह इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटरमेजर सिस्टम से लैस होगी. इसका परीक्षण 2021 के अंत में हो सकता है.
अस्त्र-एमके2
अगली पीढ़ी की मध्यम रेंज हवा-से-हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल का परीक्षण 2021 में होगा. अस्त्र-एमके2 160 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर लक्ष्य को भेदने में सक्षम होगी.
इसके विकास कार्यक्रम को गति देने के लिए पांच सुखोई-30 एमकेआई विमानों में मामूली बदलाव किए जाएंगे. इनको मिसाइल सिस्टम टेस्टबेड एयरफ्रेम की तरह इस्तेमाल किया जाएगा.
मिसाइल के 25 प्री-प्रोडक्शन यूनिटों को परीक्षण के लिए असेंबल किया जा रहा है.
आकाश-एनजी
आकाश नेक्स्ट जनरेशन एयर-डिफेंस सिस्टम रिसर्च एंड डेवेलपमेंट स्टेज से असेंब्ली स्टेजी की और बढ़ गई है. 2021 में विकासात्मक परीक्षण के लिए यह मिसाइल तैयार होगी.