हैदराबाद: दुनिया इन दिनों कोरोना संक्रमण की मार झेल रही है और उसका आर्थिकी पर सबसे बुरा असर पड़ा है. लेकिन इसके उलट शेयर मार्किट में आईपीओ की बहार है. भारतीय बाजार में कई कंपनियां आईपीओ लेकर आ रही हैं. इस साल दो मेगा आईपीओ आने वाले हैं जिनमें निवेश करके आपको मालामाल होने का मौका मिल सकता है. कुछ लोग इस आईपीओ से वाकिफ होंगे लेकिन कई लोगों के लिए ये सिर के ऊपर से बात निकलने जैसा है. तो चलिए आपको सरल और आसान भाषा में देते हैं आईपीओ का ज्ञान साथ ही आपको बताएंगे इस साल कौन-कौन से आईपीओ आने वाले हैं जिनमें निवेश करके आप भी मुनाफा कमा सकते हैं.
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क्या होता है IPO ?
IPO यानि Initial Public Offering (IPO)- जब कोई कंपनी अपने शेयर पहली बार जनता के लिए जारी करती है तो उसे आईपीओ यानि सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) कहते हैं. कंपनियां IPO इसलिये जारी करती हैं ताकि अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए पूंजी (capital) प्राप्त हो सके. इसे ऐसे समझें कि जब भी किसी कंपनी को अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होती है तो वह बाजार से कर्ज लेने की बजाय जनता से पैसे मांगती है और बदले में उसे कंपनी के शेयर देती है. इसके लिए कंपनी आईपीओ जारी करती है.
IPO पर नजर रखती है SEBI
SEBI यानि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India) आईपीओ लाने वाली कंपनियों के लिए एक सरकारी रेग्युलेटरी है. जो कंपनियों से नियमों का सख्ती से पालन करवाने के साथ उनकी गतिविधियों पर नजर रखती है. कंपनी को हर तरह की जानकारी सेबी को देनी होती है. आईपीओ के जरिये जुटाई गई धनराशि सामान्य रूप से कंपनी के विस्तार, तकनीकि विकास, नई संपत्ति जुटाने या कर्ज चुकाने आदि के लिए इस्तेमाल होती है.
2021 में आईपीओ का बाजार है गुलजार IPO में कौन कितना पैसा लगा सकता है ?
आईपीओ में पैसा लगाने के लिए आपकी उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए. आपके पास पैन कार्ड और एक डीमैट अकाउंट भी होना चाहिए. कंपनी कम से कम 3 और अधिक से अधिक 10 दिन तक आईपीओ ओपन रखती है इस बीच आप आईपीओ खरीद सकते हैं. इन निश्चित दिनों के भीतर कंपनी की वेबसाइट से या किसी पंजीकृत ब्रोकर से संपर्क से आईपीओ में निवेश कर सकते हैं.
कंपनी के आईपीओ तीन कैटेगरी में बांटे जाते हैं. 2 लाख रुपये तक के आईपीओ के लिए आवेदन करने वाले निवेशक रिटेल या आम निवेशक होते हैं. इससे अधिक निवेश करने वाले को NII यानि नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स कहा जाता है. जबकि QIB यानि क्वालिफाइट इंस्टीट्यूशनल बायर्स में पेंशन फंड, म्यूचअल फंड, बैंक और इंश्योरेंस कंपनी होती है. तीनों कैटेगरी में कितने शेयर होंगे ये पहले से ही निर्धारित होता है.
कंपनियां शेयर की कीमत तय करती हैं और उसी हिसाब से लॉट साइज तैयार करती हैं. लॉट में शेयरों की कोई भी संख्या हो सकती है, जिनकी कीमत 15 हजार रुपये से ज्यादा नंही हो सकती. इस हिसाब से आपको कम से कम 15 हजार रुपये के आईपीओ खरीदने होंगे. इसकी अधिकतम सीमा एक आम निवेशक के लिए 2 लाख रुपये है.
जोमेटो के आईपीओ को निवेशकों ने हाथों हाथ लिया IPO की कीमत और अलॉटमेंट की प्रक्रिया
आईपीओ की कीमत प्राइस बैंड से तय होती है. कंपनी के प्रमोटर्स, शेयर होल्डर्स या कर्ता धर्ता सोच विचारकर इसे तय करते हैं. आईपीओ के जरिये कंपनी पब्लिक के बीच अपनी हैसियत भी तौलती है. अगर आईपीओ की डिमांड बढ़ी तो शेयर के कीमत बढ़ सकती है जिससे निवेश करने वालों को फायदा होता है.
आईपीओ ओपनिंग ( 3 से 10 दिन) की समयावधि खत्म होने के बाद कंपनी आईपीओ अलॉटमेंट करती है. कई बार डिमांड ज्यादा होने पर लॉटरी सिस्टम तो कई बार सभी आवेदकों को न्यूनतम शेयर देने का इंतजाम किया जाता है. ये सब निवेशकों के रुझान पर भी निर्भर करता है. इस प्रक्रिया में कंपनी निवेशकों को आईपीओ देती है, जिसके बाद कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज यानि शेयर बाजार में लिस्ट हो जाते हैं. शेयर मार्किट में आने के बाद शेयरों को खरीद और बेचा जा सकता है.
अगस्त महीने में आने वाले आईपीओ बाजार में IPO की बहार
इन दिनों बाजार में आईपीओ की बहार है. जुलाई के अंत तक इस साल 29 आईपीओ आ चुके हैं. जिसमें करीब 40 हजार करोड़ रुपये की रकम कंपनियों ने जुटाई है. अकेले जुलाई महीने के आखिर तक 6 आईपीओ करीब 15 हजार करोड़ रुपये जुटा लेंगे. इससे पहले साल 2017 में कंपनियों ने करीब 67 हजार करोड़ रुपये आईपीओ के जरिये जुटाए थे.
निवेशकों के रुझान को देखते हुए भी कंपनियां बाजार में उतर रही हैं. खासकर जोमेटो को मिले रिस्पॉन्स के बाद बाजार में बहार नजर आ रही है. 2017 का रिकॉर्ड इस साल आसानी से टूट सकता है क्योंकि इस साल अभी बड़े-बड़े आईपीओ आने बाकी हैं. इस महीने ज़ोमेटो और तत्व फार्मा के आईपीओ के बाद बाजार और इससे जुड़े लोगों को अब तक के सबसे बड़े आईपीओ का इंतजार है.
पेटीएम का आईपीओ दिवाली तक आ सकता है अब तक का सबसे बड़ा IPO आने वाला है
बाजार इस साल आईपीओ से गुलजार है और दिवाली तक अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ बाजार में दस्तक दे सकता है. पेटीएम ने 16,600 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी की है और इसका प्रस्ताव सेबी को भेजा है. पेटीएम के आईपीओ में रिटेल निवेशकों के लिए केवल 10 फीसदी हिस्सा है, QIB (Qualified institutional Buyer) को 75 फीसदी हिस्सा मिलेगा. वहीं HNI (high networth individual) के लिए 15 फीसदी हिस्सा होगा.
डिजिटल पेमेंट की सुविधा देने वाली कंपनी पेटीएम (paytm) को उम्मीद है कि अगले डेढ साल में फायदा कमाना शुरू कर देगी. आंकड़ों के मुताबिक साल 2020-21 में कंपनी करीब 1700 करोड़ और 2019-20 में करीब 2900 करोड़ के घाटे में थी. ज़ोमेटो से लेकर दूसरे आईपीओ की बंपर सफलता को देखते हुए कंपनी इस साल आईपीओ लाने की तैयारी में है और कोशिश है कि दिवाली में वो आईपीओ के बाजार में एंट्री करे ताकि दिवाली का बंपर फायदा उसे भी हो.
12 साल पहले लॉन्च हुए इस डिजिटल प्लेटफॉर्म ने कई क्षेत्रों में अपने पांव पसारे हैं. डिजिटल पेमेंट के बाद कंपनी ने बैंक डिपॉजिट से लेकर सोने की बिक्री, फिल्म की टिकट बेचने जैसे कई सेक्टर में विस्तार किया. अब कंपनी गेमिंग से लेकर ट्रैवल में भी अवसर तलाश रही है और विस्तार के लिए आईपीओ से बेहतर कंपनी को कुछ नजर नहीं आ रहा.
पेटीएम में किस-किसकी है हिस्सेदारी
पेटीएम एक भारतीय स्टार्टअप कंपनी है लेकिन फिलहाल इसका कंट्रोल विदेशी कंपनी के हाथ में है. ऐसा एफडीआई के नियमों की वजह से है. कंपनी में चीन के एंट ग्रुप की सबसे ज्यादा 30.33 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके अलावा जापान के सॉफ्ट बैंक की 18.73%, एलवेशन कैपिटल की 17.65%, अलीबाबा की 7.32%, विजय शेखर शर्मा की 14.97% और अन्य की 11 फीसदी हिस्सेदारी है.
ये दो बड़े आईपीओ इस साल आ सकते हैं कंपनी कुल 16,600 करोड़ के शेयर बाजार में लाएगी. इसमें से 8300 करोड़ रुपये नए शेयर से आईपीओ के जरिये जुटाए जाएंगे. जबकि 8300 करोड़ के शेयर मौजूदा निवेशक बेच सकेंगे. रतन टाटा से लेकर वॉरेन बफेट के पास भी पेटीएम के शेयर हैं जिनमें से वो कुछ हिस्सेदारी बेंचेगे.
पेटीएम से बड़ा आईपीओ भी आएगा
पेटीएम को अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ भले माना जा रहा है लेकिन ये तमगा ज्यादा वक्त तक कंपनी के साथ नहीं रहेगा. इसी साल देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी आीपीओ लेकर आ रही है जिसके सामने पेटीएम का आईपीओ कहीं नहीं टिकता. एलआईसी का लक्ष्य आईपीओ से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का है. इन दोनों से पहले कोल इंडिया ने साल 2010 में आईपीओ के जरिये सबसे ज्यादा 15200 करोड़ रुपये जुटाए थे.
इस साल आ सकते हैं ये बड़े आईपीओ शेयर बाजार में सोच समझकर करें निवेश
शेयर बाजार में कई लोग निवेश करने से कतराते हैं उन्हें लगता है कि यहां सिर्फ नुकसान ही होता है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है थोड़ी सी जानकारी और बाजार की समझ आपको मुनाफा दिला सकती है. इस आर्टिकल के जरिये हमारा मकसद आपको बाजार और खासकर आईपीओ से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करवाना है. इस साल आईपीओ की भरमार रही है जिसका फायदा भी निवेशकों को मिला है लेकिन अगर आप भी शेयर बाजार या आईपीओ में निवेश की सोच रहे हैं तो उससे जुड़ी संबंधित जानकारी जरूर जुटाएं साथ ही निवेश सलाहकारों की राय भी ली जा सकती है.
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