मिर्जापुर : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं के हाथों से तैयार किए गए वॉल हैंगिंग और फुटमैट अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी चमक बिखेरने को तैयार हैं. जापान में 2021 के कालीन मेले के लिए मिर्जापुर के फुटमैट और वॉल हैंगिंग को चुना गया है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा तैयार किए गए फुटमैट और वॉल हैंगिंग जापानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. यही कारण है कि विदेश में लगने वाले हस्तनिर्मित कालीन मेले में यहां के उत्पाद नजर आएंगे. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उम्मीद है कि जापान से अच्छा ऑर्डर मिलेगा और उनका कारोबार आगे बढ़ेगा.
जापान में 2021 में लगने वाले मेले के लिए चुना गया
ग्राम पंचायत खजूरी की गरीब प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हाथों से बने कालीन के उत्पाद को जापान में लगने वाले 2021 के मेले के लिए चुना गया है. जापान के मेले में इस समूह को आमंत्रित किया गया है. इनके द्वारा तैयार की गई हस्तनिर्मित कालीन में वॉल हैंगिंग और फुटमैट के उत्पाद जापान में नजर आएंगे. इसके लिए तैयारी तेज कर दी गई है. ओडीओपी योजना में शामिल भदोही और मिर्जापुर की कालीन देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं. अपने अच्छे डिजाइन के कारण हमेशा इनकी डिमांड रहती है. वहीं, अब गांव की महिलाओं के हाथों से बने कालीन की जापान में लगने वाले मेले में भी डिमांड की गई है.
देश के कई राज्यों में लग चुकी है प्रदर्शनी
प्रदेश सरकार की तरफ से शुरू की गई ओडीओपी योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गरीब प्रेरणा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं कालीन (दरी), वॉल हैंगिंग और फुटमैट शो-पीस का निर्माण करती हैं. इनके उत्पादों की देश के कई शहरों में डिमांड है. समूह की महिलाएं अभी तक सरस मेला में मेघालय, केरला, रायपुर, हैदराबाद, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और लखनऊ जैसे शहरों में अपने उत्पादों को बेच चुकी हैं. एक मेले में लगभग 80 हजार से 90 हजार तक की बिक्री होती है, जिसमें से इनको 30 से 35 हजार तक का लाभ मिलता है. इसके अलावा यह महिलाएं अपने आस-पास के मार्केट में भी अपने उत्पाद बेचती हैं, जिससे इनकी 5000 से 6000 रुपये महीने की कमाई हो जाती है.