नई दिल्ली : अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर हो रही हिंसक घटनाओं से आहत ऑल असम माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (All Assam Minorities Students' Union) ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की. छात्र नेताओं ने कहा कि वे इस तरह की घटनाओं के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करेंगे.
इस संबंध में AAMSU के अध्यक्ष रेजाउल करीम सरकार (Rejaul Karim Sarkar) ने ईटीवी भारत से कहा कि हमने केंद्र सरकार से कार्रवाई करने की अपील की है. अगर हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो हम अल्पसंख्यकों पर हिंसा को रोकने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे.
सरकार ने कहा, 'हमने गृह मंत्री अमित शाह से इस तरह की हिंसा के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है.'
सरकार ने असम में राज्य सरकार पर इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करने का भी आरोप लगाया.
सरकार ने कहा, 'हमारे कई लोगों को गुंडों ने निशाना बनाया... हमारे कई छात्र नेता भी मारे गए, लेकिन हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) के नेतृत्व वाली सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.'
ईटीवी भारत से बात करते रेजाउल करीम सरकार सरकार ने कहा कि छात्र नेताओं ने असम के दरांग जिले में गरुखुटी की हालिया घटना को भी उठाया, जहां जिला प्रशासन द्वारा निष्कासन अभियान चलाए जाने के बाद दो लोगों की जान चली गई.
उन्होनें कहा कि असम में यह एक सच्चाई है कि राज्य के नदी किनारे के इलाकों में हजारों लोग रहते हैं जहां भूमि ब्रह्मपुत्र नदी में डूब जाती है. धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय (religious minority community) का एक बड़ा वर्ग ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के तट पर बस गया है और उपजाऊ मिट्टी का उपयोग करता है. हालांकि, उनकी भूमि हर साल विनाशकारी बाढ़ के कारण ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra river) में डूब जाती है.
इस दौरान छात्र नेता ने त्रिपुरा में हुई घटना की भी निंदा की, जहां अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थलों में भी तोड़फोड़ की गई है.
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सरकार ने कहा, 'त्रिपुरा में अल्पसंख्यकों पर हालिया हमला अमानवीय है और भाईचारे, धर्मनिरपेक्षता और अहिंसा के हमारे गहरे मूल्यों के खिलाफ है. असम और भारत के अन्य हिस्सों में अल्पसंख्यकों पर हमले से सख्ती से निपटा जाना चाहिए.'
AAMSU नेता ने आगे कहा कि स्थिर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) की तैयारी प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाना चाहिए और निर्धारित समय के भीतर पूरा किया जाना चाहिए.
सरकार ने कहा, 'NRC को सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में तैयार किया गया था. करीब 19 लाख लोगों को एनआरसी से बाहर रखा गया था और जिन लोगों को बाहर रखा गया था, उन्हें अभी तक नियमों के अनुसार अपनी अपील दायर करने का अवसर प्रदान नहीं किया गया है.'
इसके अलावा छात्र संगठन ने अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी के मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की.