गुवाहाटी/उत्तर लखीमपुर:गौहाटी उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की के कथित यौन शोषण मामले में पद्मश्री विजेता नवोन्मेषक उद्धब कुमार भराली को मिली अंतरिम अग्रिम जमानत रद्द कर दी है. अदालत ने कहा कि भराली को हिरासत में लेकर पूछताछ करना ‘जरूरी’ है. दूसरी ओर, भराली ने दावा किया कि वह एक साजिश का शिकार हुए हैं और इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. भराली ने कहा कि वह शुक्रवार को लखीमपुर जिले की एक अदालत में समर्पण करेंगे.
भराली की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति हितेश कुमार सरमा ने उन्हें बीते साल 28 दिसंबर को अवकाशकालीन पीठ द्वारा दी गई अंतरिम अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी. न्यायमूर्ति सरमा ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता अग्रिम जमानत का लाभ पाने का हकदार नहीं है. लिहाजा, उसकी अर्जी खारिज की जाती है. 28 दिसंबर 2021 को जारी आदेश के तहत याचिकाकर्ता को हासिल अंतरिम राहत भी खत्म होती है.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति सरमा ने कहा कि प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों के साथ-साथ पीड़िता और चश्मदीदों के बयान के मद्देनजर मामले की जांच के लिए भराली को हिरासत में लेकर पूछताछ करना ‘जरूरी’ है. भराली ने उत्तर लखीमपुर थाने में अपने खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पॉक्सो) की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद अग्रिम जमानत के लिए 23 दिसंबर को अदालत में याचिका दायर की थी.