दौसा :बिहार से अपहरण की गई नाबालिग तीन साल बाद राजस्थान के दौसा (Dausa) जिले से मिली. बिहार पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया, लेकिन दौसा पुलिस के सहयोग की सराहना हो रही है. इतना ही नहीं बिहार पुलिस नाबालिग के चरित्र पर सवाल उठाकर परिजनों को टरकाती रही. तीन साल बाद जब वह मिली तो उसकी गोद में दो मासूम बच्चे थे. बिना शादी के ही उसके बच्चे हो गए, जब महिला को भाई मिला तो दोनों फफक-फफक कर रो पड़े.
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि बिहार के जहानाबाद से जून 2018 में एक नाबालिग का अपहरण हुआ. उसके बाद नाबालिग के परिजनों ने थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया और आरोपियों को नामजद भी किया. इन आरोपियों में एक हिमाचल प्रदेश का बाकी सब बिहार के रहने वाले थे. आरोपियों की गैंग महिलाओं का अपहरण कर उन्हें बेचने का काम करती थी. इस गैंग में एक महिला भी शामिल थी. इसी महिला ने नाबालिग को फंसाया और उसका अपहरण करवाकर नाबालिग को उत्तर प्रदेश के नोएडा और राजस्थान के दौसा तक भिजवा दिया.
फिर क्या हुआ?
इधर नाबालिग के परिजन चिंतित होते रहे और स्थानीय SSP से लेकर बिहार के DGP तक शिकायत लेकर चक्कर काटते रहे. वे एक ही मांग करते रहे कि उनकी बेटी और बहन को वापस ला दो. बिहार पुलिस, पीड़िता के परिजनों का बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रही थी. बल्कि परिजनों को यह कहकर टरका दिया जाता था कि आपकी लड़की प्रेम-प्रसंग के चलते भाग गई, लेकिन एक आस लिए नाबालिग का भाई दिन-रात पुलिस और प्रशासन के चक्कर काटता रहा. अपने स्तर पर कॉल डिटेल और मोबाइल की लोकेशन ट्रैस करता रहा. जब नाबालिग के भाई को पता चला कि उसकी बहन राजस्थान के दौसा में है तो वह फिर थाने में गया और पुलिस को साथ लेकर दौसा पहुंचा.