नारायणपुर :छत्तीसगढ़ (Chattishgarh) के नक्सलियों (naxals) की खोखली विचारधारा से तंग आकर लगातार नक्सली आत्मसमर्पण (naxal surrender) कर रहे हैं. जिले में एक नाबालिग ने एसपी के सामने सरेंडर(minor naxal surrender) किया. 15 साल की उम्र से नाबालिग नक्सलियों के स्मॉल एक्शन टीम (Naxalites Small Action Team) की सदस्य थी. सरेंडर नक्सली अबूझमाड़ के जाटलूर ओरछा थाना (Orchha Police Station) क्षेत्र में रहकर अबूझमाड़ डिवीजन (Abujhmad Division) में सक्रिय रूप में कार्य कर रही थी. नारायणपुर पुलिस ने सरेंडर नक्सली के आगे की पूरी शिक्षा की जिम्मेदारी ली है.
जिला बल, छत्तीसगढ़ बल, आइटीबीपी, बीएसएफ लगातार नक्सल विरोधी अभियान चला रहे हैं. नक्सलियों के पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर नक्सली लगातार संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. नक्सलियों के जीवनशैली से त्रस्त होकर जाटलूर गांव की नबालिग नक्सली ने अपनी मां के साथ आकर आत्मसमर्पण किया. नारायणपुर पुलिस ने नाबालिग महिला नक्सली को सहयोग राशि प्रदान की और आगे की पूरी शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने की बात कही. पुलिस ने शिक्षा पूरी होने के बाद भविष्य में रोजगार दिलाने के लिए प्रयास करने की बात भी कही है.
इन घटनाओं में थी शामिल
संगठन में कार्य करने के दौरान नक्सलियों के लिए भोजन की व्यवस्था करना, लगांव में अनजान व्यक्तियों की आने पर उनसे पूछताछ व उनकी निगरानी करना, नक्सली साहित्य, पोस्टर-पंपलेट चिपकाना, ग्रामीणों को नक्सली मीटिंग में उपस्थित होने की सूचना देने का काम करती थी. सरेंडर नक्सली बाजारों से दैनिक उपयोग की सामग्री खरीद कर नक्सलियों तक पहुंचाने, क्षेत्र में पुलिस आने की सूचना देने, पुलिस पार्टी की रेकी करने, नक्सली मीटिंग के दौरान ग्रामीणों का मनोरंजन करने के लिए सीएनएम सदस्यों के साथ नाच -गाना करने के कार्य में ट्रेंड थी. वो नक्सलियों के अस्थाई कैंप में संतरी ड्यूटी करना, गांव के चारों ओर दिन के समय पेट्रोलिंग करने जैसे काम भी करती थी.
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