नई दिल्ली: आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम में ग्रामीण विकास मंत्रालय (ministry of rural development) ने ग्रामीण महिलाओं को 5,000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा देने की घोषणा की है. ये सौगात केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत सत्यापित महिला स्वयं सहायता समूह सदस्याओं के लिये हैं.
सत्यापित स्वयं सहायता सदस्यों (verified women self help group) को पांच हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा (overdraft facility for verified women SHG members)की अनुमति दिये जाने के विषय में वित्तमंत्री ने 2019-20 के अपने बजट भाषण में जो घोषणा की थी, उसके अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ने देश के ग्रामीण इलाकों में महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्याओं को ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि वे अपनी आकस्मिक/आपातकालीन जरूरतों को पूरा कर सकें. एक अनुमान के अनुसार DAY-NRLM के तहत पांच करोड़ महिला स्वयं सहायता समूह सदस्यायें इस सुविधा की पात्र होंगी.
महिलाओं के लिए राहत
किसी इमरजेंसी की स्थिति में ग्रामीण महिलाओं को बैंक से 5000 रु. की ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी मिल सकेगी. ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी का इस्तेमाल कर महिलाएं किसी भी समय अपने बैंक अकाउंट में मौजूद रकम से 5000 रुपये अधिक तक निकाल सकती हैं. आमतौर पर ऐसी सुविधाएं बैंक अपने बड़े ग्राहकों को देते हैं लेकिन अब गांव की महिलाओं को भी यह सुविधा मिलने से उन्हें जरूरत के वक्त पैसे लेने के लिए किसी और के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा.
ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा ने 18 दिसंबर 2021 को दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत सत्यापित महिला स्वयं सहायता समूह सदस्याओं के लिये 5000 रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा का शुभारंभ किया है.
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रमुख योजना है, जिसका लक्ष्य है निर्धन महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों जैसे सामुदायिक संस्थानों के जरिये लामबंद करना, ताकि ग्रामीण निर्धनता दूर हो सके. दूसरा लक्ष्य है बैंकों से आवश्यक ऋण तक उनकी पहुंच बनाकर उनकी आजीविका के आधार को मजबूत बनाना. मिशन की शुरुआत जून 2011 में हुई थी और 15 दिसंबर, 2021 तक 73.5 लाख स्वयं सहायता समूहों में 8.04 करोड़ महिलाओं को जोड़ा गया है. आशा की जाती है कि 2024 तक लगभग 10 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ दिया जायेगा.
30 नवंबर, 2021 तक के इस वित्तवर्ष के दौरान, 27.38 लाख स्वयं सहायता समूहों को 62,848 करोड़ रुपये तक के ऋण बैंकों ने प्रदान किये हैं. अप्रैल 2013 के बाद से 4.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋणों तक महिला स्वयं सहायता समूह सदस्याओं की पहुंच बनी, ताकि अन्य चीजों के साथ रचनात्मक उद्यमों में समुचित निवेश हो सके. बकाया राशि 1,33,915 करोड़ से अधिक है, जिसमें फंसे हुये कर्ज सिर्फ 2.49 प्रतिशत हैं. मिशन, समुदाय आधारित पुनर्भुगतान प्रणाली (सीबीआरएम) का इस्तेमाल कर रहा है, जिसका प्रबंधन समुदाय करता है और जिसके तहत समिति में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों या उनके संघों के प्रतिनिधि होते हैं। ये सभी स्वयं सहायता समूहों और बैंकों के बीच संपर्क की निगरानी की जिम्मेदारी निभाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि नियमों तथा सामाजिक दबाव के जरिये स्वयं सहायता समूह बैंकों को शीघ्र धनराशि चुका दें.
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