श्रीनगर : आयुष मंत्रालय ने यूनानी मेडिसिन व सर्जरी की स्नातक शिक्षा में (Bachelor of Unani Medicine & Surgery-BUMS) में प्रवेश पॉलिसी में बदलाव किया है. मंत्रालय ने उर्दू भाषा जानने की अर्हता को खत्म करने का फैसला किया है. इस बदलाव के बारे में मंत्रालय की ओर से कॉलेजों को ई-मेल के जरिये सूचित कर दिया गया है.
उर्दू 10वीं क्लास में होनी चाहिए थी. वहीं, मंत्रालय के इस फैसले को लेकर अब विरोध की आवाजें उठने लगी हैं. माना जा रहा है कि इस फैसले से न केवल यूनानी चिकित्सा की प्रतिष्ठा खतरे में होगी, बल्कि BUMS में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य भी नष्ट होने की कगार पर आ जाएगी. चूंकि, इसका साहित्य और इससे जुड़ी शिक्षा केवल उर्दू भाषा में उपलब्ध है, गैर-उर्दू छात्र इसका अध्ययन नहीं कर पाएंगे.