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Sabarmati Case: क्रिमिनल ट्रायल से दिल्ली के LG को नहीं मिली छूट, AAP ने साधा निशाना - ईटीवी भारत दिल्ली

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है. अहमदाबाद की कोर्ट ने उनको क्रिमिनल ट्रायल से छूट नहीं दी है. इस पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जो कोर्ट ने कहा है एलजी को उसका पालन करना चाहिए.

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Published : May 9, 2023, 3:18 PM IST

Updated : May 9, 2023, 3:24 PM IST

नई दिल्ली: गुजरात के अहमदाबाद कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को क्रिमिनल ट्रायल से छूट देने से मना कर दिया है. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने उन पर हमला बोला है. पार्टी कार्यालय में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि अब कोर्ट ने जो कहा है, वो उनको मानना चाहिए. दरअसल, अहमदाबाद की कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ आपराधिक केस चलाने की बात कही है. अहमदाबाद के कोर्ट ने उपराज्यपाल की उस अर्जी को खारिज कर दिया है. जिसमें उन्होंने उपराज्यपाल होने वाली इम्युनिटी का जिक्र करके क्रिमिनल ट्रायल से छूट देने की मांग की थी.

मंत्री भारद्वाज ने कहा कि 2002 में अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में गुजरात दंगा के बाद वहां पर एक शांति मीटिंग चल रही थी. जिसका नेतृत्व सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर कर रही थी. इसी बीच कुछ लोग प्रवेश करते हैं. उनमें दो बीजेपी के नेता है और एक जो उनके साथ थे, वे दिल्ली के उपराज्यपाल हैं. उन्होंने कहा कि घटना का वीडियो और जो सबूत पेश किए गए हैं. उस आधार पर आदेश में साफ लिखा है कि पुरुषों ने महिला के साथ मारपीट की और वह महिला अपनी जान बचाकर एक कमरे में भाग गई और अपना दरवाजा बंद कर लिया.

संवैधानिक पद का दिया था हवालाः वह महिला मेधा पाटकर है. दिल्ली के एलजी ने गुजरात की कोर्ट में एक एप्लीकेशन लगाई थी कि मैं अब कोई साधारण आदमी नहीं हूं मैं अब संवैधानिक पद पर हूं और संवैधानिक पद पर होने के अंदर उन पर आपराधिक मामले चलाने से छूट मिलनी चाहिए. सौरभ भारद्वाज ने संविधान के अनुच्छेद को पढ़कर बताया कि इसमें राष्ट्रपति और गवर्नर के लिए प्रावधान दिया गया है, लेकिन यह छूट उपराज्यपाल को नहीं मिल सकती, जो अब अदालत ने भी स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार को इसका विरोध करना चाहिए था, लेकिन गुजरात सरकार चुप रही. जिससे उपराज्यपाल को राहत मिल जाए.

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सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस तरह लेफ्टिनेंट कर्नल नीचे होता है और कर्नल ऊपर होता है. उसी तरह पहले गवर्नर होगा और फिर लेफ्टिनेंट गवर्नर, लेकिन दिल्ली के उपराज्यपाल ने अपने आपको गवर्नर से भी ऊपर बताया था. गुजरात के लोअर कोर्ट ने उनकी यह एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दी और कोर्ट ने कहा कि एलजी को इस तरह की कोई रियायत नहीं मिलती है. आज पूरे देश को पता चल गया कि दिल्ली के जो एलजी हैं, उनका व्यवहार कैसा है.

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Last Updated : May 9, 2023, 3:24 PM IST

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