लखनऊ:केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री व रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले ने गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पार्टी में कई लोगों की उन्होंने जॉइनिंग कराई. सपा, बसपा और कांग्रेस छोड़कर कई नेताओं ने आरपीआई का दामन थामा. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री रामदास आठवले बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमलावर रहे. उन्होंने दलितों से आरपीआई का साथ देने की अपील की. उत्तर प्रदेश में होने वाली पार्टी की जनसभाओं के बारे में भी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी की 71 सीटें आई थीं. दो सीटें अपना दल की आई थीं तो कांग्रेस की दो सीटें थीं. पांच सीटें समाजवादी पार्टी के हिस्से आई थीं. बहुजन समाज पार्टी की एक भी सीट नहीं आई थी. 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी एक साथ मिलकर चुनाव लड़ीं. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने 64 सीटें जीतीं. बहुजन समाज पार्टी को समाजवादी पार्टी का फायदा मिला. पार्टी 10 सीटें जीतने में सफल हुई. समाजवादी पार्टी की उतनी ही सीटें आई जितनी थीं. सपा का फायदा बसपा को तो मिला. लेकिन, बसपा का कोई फायदा सपा को नहीं मिला. बसपा का जनाधार लगातार खिसकता ही जा रहा है. उत्तर प्रदेश के सभी दलितों से मेरा आह्वान है कि बाबासाहेब आंबेडकर की तरफ उन्हें ध्यान देना चाहिए. उनकी पार्टी आरपीआई की तरफ ध्यान दें. बहुजन समाज पार्टी मेरे ऊपर आरोप लगाती है. लेकिन, उसे आरोप लगाने का कोई हक नहीं है. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया अंबेडकर की हिमायती है. बहुजन समाज पार्टी जबरदस्ती बाबासाहेब आंबेडकर की बात कर दलितों के वोट लेती है.
सीएम योगी कर रहे बेहतर काम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में तमाम सराहनीय निर्णय लिए हैं. लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 80 सीटों में से 70 सीटें जीतेगी. हमारी पार्टी को भी तीन-चार सीटें मिलेंगी. हम लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे. जहां भारतीय जनता पार्टी की जीत नहीं हो पाती, वह सीट आरपीआई जीतकर लाएगी.