जयपुर.जलदाय मंत्री महेश जोशी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा देने के बाद राजस्थान का सियासी पारा हाई है. इस इस्तीफे को सीएम अशोक गहलोत की ओर से स्वीकार करने के बाद राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के बयान ने हलचल तेज कर दी है. उन्होंने कहा कि महेश जोशी का इस्तीफा 25 सितंबर को हुई घटनाक्रम का एक हिस्सा है. वहीं, इस मामले में अब महेश जोशी ने भी बयान दिया है.
जलदाय मंत्री महेश जोशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और आलाकमान यह मानता है की मेरा इस्तीफा होना मेरे खिलाफ कार्रवाई का हिस्सा है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है. जलदाय मंत्री और मुख्य सचेतक दोनों पदों के साथ मैं न्याय नहीं कर पा रहा था, अब आलाकमान के फैसले से मुझे राहत मिलेगी. हालांकि जोशी ने यह भी कह दिया कि जिन लोगों ने पार्टी को कमजोर करने का काम किया, अब उनके खिलाफ कार्रवाई कब होती है, इसका इंतजार है.
मैं तो अक्टूबर में ही छोड़ना चाहता था पदःमहेश जोशी ने कहा कि जो फैसला हुआ है वह विधानसभा चलते समय हुआ है, जबकि मैं तो इस्तीफा बजट पेश होने से पहले ही दे चुका हूं. जोशी ने कहा कि मैं तो अक्टूबर महीने से कहता आ रहा हूं कि मुझे एक पद से मुक्ति दी जाए. जब मंत्री बना दिया तो दोहरी जिम्मेदारी संभालने के बजाए एक तरफ कंसंट्रेट करें तो बेहतर है. मैंने इस्तीफा दिया उसे आलाकमान और मुख्यमंत्री ने मंजूर किया.