नई दिल्ली :सरकार ने मंगलवार को कहा कि चीनी मिलों ने इस महीने से शुरू होने वाले विपणन वर्ष 2021-22 में अब तक 18 लाख टन चीनी निर्यात का अनुबंध किया है तथा चीनी उद्योग की कंपनियों को अधिशेष स्टॉक को समाप्त करने के लिए कम से कम 60 लाख टन का निर्यात करने को कहा गया है.
अफगानिस्तान की अस्थिरता से निर्यात प्रभावित
चीनी मिलों को नए निर्यात गंतव्यों का पता लगाने के लिए कहा गया है, क्योंकि अफगानिस्तान में घरेलू अस्थिरता के कारण वहां निर्यात प्रभावित हो सकता है.
अखिल भारतीय चीनी व्यापार संघ (All India Sugar Trade Association - AISTA) द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय (Food Secretary Sudhanshu Pandey) ने कहा कि भारत पिछले चार विपणन वर्षों से अधिशेष चीनी का उत्पादन कर रहा है, जबकि पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से होटल और रेस्तरां बंद होने के कारण खपत में गिरावट आई है.
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार की नीति ने चीनी क्षेत्र को भारतीय बाजार और विदेशों में अपनी स्थिति को फिर से परिभाषित करने में मदद की है.
2020-21 में 72 लाख टन चीनी निर्यात
पांडेय ने कहा कि भारत ने विपणन वर्ष 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में विभिन्न देशों को 72 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड निर्यात किया.
उन्होंने कहा कि कुल निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत का निर्यात श्रीलंका, इंडोनेशिया और अफगानिस्तान को किया गया. पांडेये ने कहा, हम सभी निर्यात के लिए नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं. निर्यात के लगभग 18 लाख टन के अनुबंधों का क्रियान्वयन किया गया है.