सगाई में मेहमानों को परोसा मोटे अनाजों का पकवान. वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मोटे अनाज के लिए शुरू की गई पहल को अब सफलता मिलने लगी है. अब धीरे-धीरे लोग मोटे अनाज के पकवानों को अपने मांगलिक कार्यक्रमों में भी शामिल करने लगे हैं. ऐसा ही वाराणसी में एक पिता ने अपनी बेटी की सगाई में किया. पिता ने अपनी बेटी की सगाई में मेहमानों के लिए पीएम मोदी के आह्वान पर मोटे अनाज से बने पकवानों को परोसा. जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है.
वाराणसी में एक पिता ने अपनी बेटी की सगाई में मेहमानों को मोटे अनाज का पकवान परोसा. दरअसल, बीते 16 मई को प्राची दुबे नाम की लड़की की सगाई प्रयागराज के प्रवीण से हुई थी. वाराणसी के सिंधौरा स्थित रिंग रोड के किनारे एक फैमिली रेस्टोरेंट में ये मांगलिक कार्यक्रम हुआ. इस कार्यक्रम के दौरान मेहमानों का स्वागत ज्वार बाजरे के लड्डुओं से हुआ. इसके अलावा खाने में भी कई तरह के व्यंजन परोसे गए.
लड़की के पिता ब्रज भूषण दुबे ने बताया कि उन्होंने इस कार्यक्रम में 5 प्रकार के मोटे अनाजों को शामिल किया था. इसमें रागी और बाजड़े कि रोटी, सांवां का खीर, ज्वार और बाजड़े का लड्डू और कोदो की रोटी मेहमानों को परोसी गई. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साल 2023 को मोटे अनाज के लिए समर्पित किया है. उन्हीं से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी बेटी की सगाई में इन डिश से मेहमानों का स्वागत किया है.
घर पर महिलाओं ने ही बनाया पकवान और होटल में ले जाकर परोसा गया. ब्रज भूषण दुबे ने बताया कि मोटे अनाज के सेवन के कई फायदे हैं. इससे कई तरह की बीमारियां भी दूर होती हैं. इसके अलावा ये अनाज सस्ता भी होता है. उनका कहना था कि जब मोटे अनाज से बने पकवान और चीजों को बनाने के लिए हमने आयोजन स्थल पर इसे तैयार करने वाले लोगों से बातचीत की, तो उनका कहना था कि मोटे अनाज की चीजें वह नहीं बना पाएंगे. उनके लिए संभव नहीं है. जब होटल कर्मचारियों ने हाथ खड़े कर दिए तो उनके गांव और घर की महिलाओं ने मिलकर इन सारे पकवानों को घर पर ही तैयार किया. इसके बाद सगाई समारोह में परोसा गया. जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 को मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाने का ऐलान किया. पीएम के इन प्रयासों के बाद वाराणसी में G-20 सम्मेलन में भी G-20 देशों के प्रतिनिधियों ने भारत का समर्थन किया है. G-20 देशों के प्रतिनिधियों ने अपने देशों में मोटे अनाज के प्रयोग को बढ़ाने और मोटे अनाज के लाभ को जन-जन तक पहुंचाने की सहमति पर हस्ताक्षर भी किया है. उसके बाद पब्लिक के बीच में मोटे अनाज का प्रयोग बढ़ता जा रहा है.
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