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मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस छोड़ी, मुख्यमंत्री शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल हुए - मिलिंद देवड़ा शिवसेना

milind deora CM Eknath Shinde : महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार का दिन काफी घटनात्मक रहा. एक राजनीतिक झटके में मुंबई के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद एम. देवड़ा ने पार्टी छोड़ दी. उन्होंने सीएम शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना का दामन थाम लिया है.

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मिलिंद देवरा

By PTI

Published : Jan 14, 2024, 3:23 PM IST

Updated : Jan 14, 2024, 7:55 PM IST

मुंबई: पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा रविवार की सुबह कांग्रेस छोड़ने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हो गए.
दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट से पूर्व सांसद देवड़ा दोपहर में, मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा में एक कार्यक्रम में सत्तारूढ़ दल में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 'अगर मोदीजी कहेंगे कांग्रेस पार्टी अच्छी है, तो ये लोग उसका भी विरोध करेंगे.'

इससे पहले, देवड़ा ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कांग्रेस से अपने इस्तीफे की घोषणा की. उन्होंने कहा, 'मेरी राजनीतिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण अध्याय आज समाप्त हो गया. मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है. मैं वर्षों से उनके अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं.'

क्या दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट बनी कारण :समझा जाता है कि शिवसेना (यूबीटी) के दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर दावा करने के बाद पिछले कुछ दिनों से देवड़ा असहज थे. उन्होंने इस सीट का पूर्व में प्रतिनिधित्व किया है.
हालांकि, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट पर शिवसेना के अरविंद सावंत से उन्हें शिकस्त मिली थी. सावंत ठाकरे गुट में हैं. ठाकरे की पार्टी, विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की साझेदार है.

पूर्व में, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने कहा था कि एमवीए में इसे लेकर सहमति है कि मौजूदा सांसद को इस सीट से अलग नहीं किया जाए, जिसका मतलब है कि आगामी आम चुनावों में दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट कांग्रेस के बजाय ठाकरे नीत शिवसेना के हिस्से में जाएगी.

बेहतर भविष्य के लिए पार्टी छोड़ने वाले कांग्रेस के युवा नेताओं में शामिल :पूर्व केंद्रीय मंत्री और दक्षिण मुंबई से पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा रविवार को कांग्रेस से इस्तीफा देने के साथ ही उन युवा नेताओं की सूची में शामिल हो गए, जिन्होंने अन्य पार्टियों, मुख्य रूप से भाजपा में नयी पारी शुरू करने के लिए इसे छोड़ दिया.

यह इस्तीफा उन युवा नेताओं की अनसुनी चिंताओं की निरंतर गाथा का भी संकेत देता है, जिन्हें एक समय पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता था. कांग्रेस के घटते जनाधार के बीच नवीनतम घटनाक्रम पार्टी नेतृत्व के निचले स्तर के साथ गांधी परिवार का जुड़ाव कमजोर होने को भी उजागर करता है, जिसे युवा नेता स्वीकार करने में असमर्थ हैं.

देवड़ा के करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने 'बहुत लंबे और निरर्थक इंतजार' के बाद पार्टी छोड़ दी. सूत्रों ने कहा कि पूर्व लोकसभा सदस्य अपनी ही पार्टी से यह आश्वासन नहीं पा सके कि उन्हें आगामी आम चुनाव में मुंबई दक्षिण से चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा, जिस सीट का प्रतिनिधित्व दशकों से उनका परिवार करता रहा है.

कई युवा नेता छोड़ चुके हैं कांग्रेस :पुराने मुद्दों का समाधान नहीं होने और पार्टी के भीतर गुटबाजी के कारण राहुल गांधी के पूर्ववर्ती खेमे के कई होनहार नेताओं को पार्टी छोड़नी पड़ी.

शीर्ष नेतृत्व द्वारा किए गए वादों को पूरा न करने के बावजूद सचिन पायलट कांग्रेस में बने रहे. उन्होंने 2020 में अपना सुर नरम कर लिया और यह कहते हुए कांग्रेस में लौट आए कि उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अपने मतभेद खत्म कर लिए हैं.

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई में गुटबाजी को लेकर इतने धैर्यवान नहीं थे. उन्होंने मार्च 2020 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.

सिंधिया ने कहा था कि वह वरिष्ठ नेता कमलनाथ से मिलने वाले अपमान को अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते. जून 2021 में संप्रग के एक अन्य पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद ने लोगों के साथ पार्टी की बढ़ती दूरियों का हवाला देते हुए कांग्रेस छोड़ दी. इसके बाद पलायन का सिलसिला शुरू हुआ, जिसमें प्रियंका चतुर्वेदी अविभाजित शिवसेना में शामिल हो गईं, पूर्व महिला कांग्रेस प्रमुख सुष्मिता देव टीएमसी से जुड़ गईं जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री आर पी एन सिंह, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ और पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल भाजपा में शामिल हो गए.

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के समय असम कांग्रेस के कद्दावर नेता हिमंत विश्व शर्मा के पार्टी छोड़ने के साथ भाजपा में जाने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह वास्तव में कभी नहीं रुका और कई बड़े नेताओं के इस्तीफे जारी रहे, यहां तक कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी 2022 में पंजाब चुनाव से पहले व्यक्तिगत अपमान का हवाला देते हुए भाजपा में चले गए.

देवड़ा के इस्तीफे के बाद संजय राउत ये बोले : पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा के कांग्रेस छोड़ने की पृष्ठभूमि में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

देवड़ा ने हाल ही में दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) द्वारा दावा जताए जाने पर असहमति व्यक्त की थी. अविभाजित शिवसेना के अरविंद सावंत ने 2014 और 2019 के आम चुनाव में देवड़ा को हराया था. वह अब ठाकरे गुट के साथ हैं. राउत ने कहा, 'सावंत दो बार के सांसद हैं. उनके दोबारा चुनाव लड़ने में क्या गलत है? इस पर कोई समझौता नहीं होगा.'

देवड़ा के कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर राउत ने कहा, 'हम मुरली देवड़ा को अच्छी तरह जानते थे कि पार्टी के लिए काम करना और उसके लिए त्याग करना क्या होता है? अगर लोग चुनाव लड़ने के लिए वाफदारी बदल लेते हैं, तो यह दर्शाता है कि राज्य में एक नया चलन शुरू हो गया है.' देवड़ा एक समय मुंबई कांग्रेस के प्रमुख भी रहे हैं और वह पार्टी के दिग्गज नेता दिवंगत मुरली देवड़ा के बेटे हैं.

इससे पहले, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य अशोक चह्वाण ने कहा कि देवड़ा दक्षिण मुंबई सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन महाविकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन मौजूदा सांसद की सीट में परिवर्तन करने को लेकर राजी नहीं हुआ.

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Last Updated : Jan 14, 2024, 7:55 PM IST

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