तिरुपुर: तमिलनाडु में प्रवासी कामगारों पर हमले का झूठा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. जिसके बाद प्रवासी कामगार डर गए थे और उनमें से कई अपने गृहनगर वापस चले गए. इसे लेकर विभिन्न कंपनियों ने अपनी चिंता व्यक्त की थी. इस बीच, बिहार सरकार ने मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए 4 सदस्यीय टीम तमिलनाडु भेजी है. यह टीम 4 मार्च को चेन्नई पहुंची और रविवार को उन्होंने तिरुपुर जिला समाहरणालय में एक परामर्श बैठक की.
इस परामर्श बैठक में बिहार राज्य ग्रामीण विकास स्थानीय निकाय के सचिव बालमुरुगन, श्रम आयुक्त आलोक कुमार, विशेष कार्य बल के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार, खुफिया विभाग के आईजी कन्नन और अन्य ने भाग लिया. तिरुपुर जिलाधिकारी विनीत, तिरुपुर मेट्रोपॉलिटन पुलिस आयुक्त प्रवीण कुमार अभिनभु, तिरुपुर जिला पुलिस अधीक्षक साशांग साई, डिंडीगुल के डीआईजी अभिनव कुमार (बिहार के मूल निवासी), तिरुपुर के निर्यातक, उद्योगपति और श्रमिक संघ के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली इस चर्चा में प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और तमिलनाडु सरकार द्वारा किए गए उपायों पर चर्चा हुई. इसके बाद मीडिया से बात करते हुए बिहार राज्य ग्रामीण विकास स्थानीय निकाय सचिव बालमुरुगन ने कहा कि तिरुपुर जिला प्रशासन और तमिलनाडु सरकार को धन्यवाद. हमने बिहार संघ के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की. हमने यहां कई संघ प्रतिनिधियों के साथ बात की. सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए झूठे वीडियो को तमिलनाडु की घटना बताकर फैलाए जाने से यह आशंका पैदा हुई थी.