नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पुलिस आधुनिकीकरण अनुदान (Police Modernization Grant) जारी किए जाने के बावजूद देश के पुलिस स्टेशनों की हालत खस्ता है. भारत के कई पुलिस स्टेशनों में वाहन, टेलीफोन और वायरलेस कनेक्टिविटी तक की सुविधा नहीं है.
जबकि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वाहन, टेलीफोन और वायरलेस कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए, जो कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं. पुलिस आधुनिकीकरण अनुदान योजना (Police Modernization Grant Scheme) मुख्य रूप से कई स्मार्ट योजनाओं को सुविधा व सहायता के साथ अपने दायरे में लाना चाहती है. आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार ने बजट अनुमान (बीई) 2022-23 में पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 2754.16 करोड़ रुपये की घोषणा की है.
कितना खर्च हुआ:विभिन्न उप-योजनाओं के तहत राज्यों को उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आधार पर केंद्रीय हिस्सा जारी किया जाता है. वर्ष 2021-22 के दौरान पुलिस आधुनिकीकरण के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता योजना के तहत वास्तविक आवंटन 620.45 करोड़ रुपये था. जिसमें से 31 दिसंबर 2021 तक 89.17 करोड़ रुपये जारी किए गए. यह आवंटन छत्तीसगढ़ (5.44 करोड़ रुपये), कर्नाटक (31.43 करोड़ रुपये), राजस्थान (13.53 करोड़ रुपये), त्रिपुरा (6.75 करोड़ रुपये) और उत्तर प्रदेश (32.02 करोड़ रुपये) हैं.