नई दिल्ली: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के साथ, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) सहित दो अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को वर्तमान में VIP को सुरक्षा प्रदान करने के लिए सौंपा गया है. ये तीनों अर्धसैनिक बल जेड-प्लस, जेड और वाई जैसी विभिन्न श्रेणियों के तहत कम से कम 270 लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हैं.
पिछले हफ्ते, सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के महानिदेशकों ने गृह मंत्रालय को वीआईपी सुरक्षा पूरी तरह से सीआईएसएफ को सौंपने के कदम पर अपने सुझाव मांगे थे. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि बैठक में मौजूद सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और आईटीबीपी के डीजी ने इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की और इस मामले में अपने सुझाव भी रखे.
एक सवाल के जवाब में सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर प्रक्रिया अमल में लाई जाती है तो बल (सीआरपीएफ) काउंटर इंसर्जेंसी, काउंटर टेरर ऑपरेशंस के साथ-साथ अन्य सभी आंतरिक सुरक्षा मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकता है. औसत वीआईपी सुरक्षा पर, जिसकी लागत लगभग 400 करोड़ रुपये सालाना होती है, जेड-प्लस (38 गार्ड लगभग), जेड (24 गार्ड लगभग), वाई (11 गार्ड लगभग) और एक्स (दो गार्ड) सहित चार श्रेणियां हैं.
हालांकि वीआईपी सुरक्षा को सीआईएसएफ को सौंपने का मुद्दा 2018 से एक संसदीय समिति द्वारा गृह मंत्रालय को सिफारिश किए जाने के बाद चर्चा के स्तर पर था, लेकिन यह अमल में नहीं आया.