नई दिल्ली:देश के सभी प्रमुख शहरों में रहने वाले सभी वर्ग के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए, गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने 'सुरक्षित शहर संकेतक' (Safe City Indicator) जारी किया है. इनको लागू करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिए गए हैं. इसका उद्देश्य है कि सभी राज्य अपने प्रमुख शहरों में कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर कर सकें. जिससे कि भविष्य में कोविड-19 महामारी के खतरे को कम किया जा सके.
इस बारे में ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (BPRD) ने सुरक्षित शहर संकेतक जारी किए गए हैं. इसको शीर्ष पुलिस अधिकारियों और शिक्षाविदों के 13 सदस्यीय कोर समूह ने बनाया है. इन संकेतकों में प्रमुख रूप से महामारी रोग, जैसे नोवेल कोरोना वायरस के जीवन पर होने वाले प्रतिकूल प्रभावों को शामिल किया गया है. इसमें महामारी के तेजी से बढ़ने के कारणों में सरकार की ओर से हर तरह की गतिविधियों पर लॉकडाउन के रूप में लगाई जाने वाली रोक का जिक्र है.
इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य सुविधाएं, वेंटिलेटर, बेड और सर्जिकल उपकरण, परीक्षण सुविधाएं, सामुदायिक हॉल और प्रवासी आबादी के लिए केंद्र, लोगों के भोजन, स्वच्छता और स्वास्थ्य देखभालों से जुड़े संकेतक हैं. साथ ही पानी की आपूर्ति और बिजली, इंटरनेट कनेक्टिविटी और नियंत्रण उपकरण जैसे उपकरणों की उपलब्धता के बारे में भी संकेतक हैं.
बीपीआरडी परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षित शहर से मतलब है कि रहने योग्य, टिकाऊ, समावेशी, सहिष्णु, तकनीकी रूप से प्रगतिशील शहर. इसके तहत शहरों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए बेहतर रणनीति के तहत काम हो.