दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

MHA ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से देश में शत्रु संपत्तियों के सर्वेक्षण और मूल्यांकन की रिपोर्ट मांगी - MHA asks States and UTs for survey and valuation report

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) से भारत में शत्रु की अचल संपत्तियों के नवीनतम सर्वेक्षण और मूल्यांकन रिपोर्ट मांगी है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Union Ministry of Home Affairs
केंद्रीय गृह मंत्रालय (फाइल फोटो)

By

Published : Apr 29, 2022, 7:25 PM IST

Updated : Apr 29, 2022, 8:38 PM IST

नई दिल्ली:केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) से भारत में शत्रु की अचल संपत्तियों के नवीनतम सर्वेक्षण और मूल्यांकन रिपोर्ट मांगी है. इसको लेकर गृह मंत्रालय ने समन्वय करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी है. इस संबंध में मंत्रालय ने नोडल अधिकारियों और संबंधित डीएम और डीसी के माध्यम से इस मुद्दे पर राज्यों से इस रिपोर्ट को देने के लिए कहा है.

बताया गया है कि भारत में शत्रु संपत्तियों (पाकिस्तान के नागरिकों और चीनी नागरिकों से संबंधित) की संख्या 12610 हैं, जिन्हें शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है और भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक में निहित है. इन संपत्तियों में शेयर के अलावा गहनों में सोना-चांदी और भूमि और भवन (वाणिज्यिक, आवासीय, आवासीय-सह-वाणिज्यिक) के अलावा जल निकायों तथा दुकान आदि शामिल हैं.

भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक (सीईपीआई) के मुताबिक शत्रु संपत्तियों की कुल 3,172.12 करोड़ रुपये का निपटारा किया जा चुका है. इसमें 2018-19, 2019-20, 2020-21 में 143 कंपनियों के 7,49,24,623 शेयर (2704.73 करोड़ रुपये) के अलावा बांड और प्रतिभूतियों की बिक्री की 467.39 करोड़ रुपये की राशि शामिल है.

सीईपीआई ने कहा है कि इसी क्रम में 1699.79 ग्राम सोने की वस्तुएं और 28.896 किलोग्राम चांदी के आभूषण के निपटान के लिए शत्रु संपत्ति निपटान समिति की सिफारिश पर सक्षम प्राधिकारी ने अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार केंद्र सरकार की टकसाल के जरिए निपटान को मंजूरी दे दी है.

उल्लेखनीय है कि 1962 में चीन के आक्रमण, 1965 में भारत-पाक संघर्ष और 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद, भारत सरकार रक्षा नियम 1962 के तहत शत्रु की चल और अचल संपत्तियों का अधिकार भारत सरकार को निहित किया गया है. भारत के शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय (सीईपीआई) शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत स्थापित किया गया है. साथ ही अभिरक्षक की सहायता उप अभिरक्षक तथा सहायक अभिरक्षक द्वारा की जाती है.

ये भी पढ़ें - आतंकवाद के चलते 65 हजार कश्मीरी पंडित परिवारों ने छोड़ी थी घाटी: गृह मंत्रालय

भारत के लिए शत्रु संपत्ति का संरक्षक शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत एक वैधानिक पद है. सीईपीआई के मूल कार्य अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा इसके निपटान तक संपत्ति की पहचान, निहित, संरक्षण, प्रबंधन और संपत्ति पर नियंत्रण रखना है और उसके तहत बनाए गए नियम, दिशा-निर्देश, आदेश का अनुपालन कराना है. वर्तमान में शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय (सीईपीआई) का मुख्यालय दिल्ली में है तथा इसके तीन शाखा कार्यालय मुंबई, कोलकाता और लखनऊ में स्थित हैं.

इसके अलावा अधिनियम में 1977 और 2017 में संशोधन किया गया था. वहीं शत्रु संपत्ति के निपटान के प्रावधान 2017 के संशोधन के माध्यम से लाए गए हैं. इसके अलावा अचल और शत्रु संपत्ति के निपटान को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किए जाने के साख ही पीड़ित मामलों पर विचार करने के लिए आदेश जारी किया गया है. इतना ही नहीं निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के माध्यम से सूचीबद्ध और गैर सूचीबद्ध शत्रु शेयरों के निपटान के लिए 18 फरवरी 2019 को एक अधिसूचना भी जारी की गई है.

Last Updated : Apr 29, 2022, 8:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details