नई दिल्ली: भारत-चीन संवेदनशील सीमा पर भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की तीन बटालियन तैनात करने को मंजूरी दी गई है. सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में आईटीबीपी की और अधिक सीमा चौकियां (बीओपी) स्थापित करने का भी निर्णय लिया है. सरकारी प्रतिष्ठान के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि केंद्र ने फरवरी में आईटीबीपी को सात अतिरिक्त बटालियन बनाने की मंजूरी दे दी थी.
सूत्रों ने बताया कि सात नई स्वीकृत बटालियनों में से तीन अब तैनाती के लिए तैयार हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिक आईटीबीपी चौकियां स्थापित करने और नई बटालियनों की तैनाती से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को चीनी सेना की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने में मदद मिलेगी.
इसे लेकर ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीके खन्ना ने ईटीवी भारत से कहा कि 'अधिक बटालियनों की तैनाती और बीओपी स्थापित करने से निश्चित रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ेगी.'
पूर्वोत्तर राज्यों में सेवा कर चुके खन्ना ने कहा कि 'भारत-चीन सीमा पर कई ऐसे इलाके हैं जहां इंसानी आबादी नहीं है. अधिक बटालियनों की तैनाती और बीओपी की स्थापना से निश्चित रूप से उन क्षेत्रों में निवासी आ जाएंगे.'
यह सच है कि बुनियादी सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण, सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग अन्य शहरी स्थानों के लिए अपना स्थान छोड़ देते हैं. भारत और चीन के बीच की कुल 3488 किमी सीमा में से अरुणाचल प्रदेश की 1126 किमी सीमा पड़ोसी देश के साथ लगती है. जम्मू-कश्मीर (1597 किमी), हिमाचल प्रदेश (200 किमी), उत्तराखंड (345 किमी) और सिक्किम (220 किमी) राज्य भी चीन के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत-चीन सीमा का पूरी तरह से सीमांकन नहीं हुआ है और वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्पष्ट करने और पुष्टि करने की प्रक्रिया जारी है. इस क्षेत्र की विशेषता उच्च ऊंचाई वाला इलाका और घनी आबादी है, जिसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का अपर्याप्त विकास हुआ है.