नई दिल्ली :थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष अग्निपथ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले ‘अग्निवीर’ सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को यह घोषणा की. मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी.
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी. योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा.
गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है. उनके कार्यालय ने कहा, इस संबंध में, आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी.
विशेषज्ञों को नहीं लगी खास:अग्निपथ योजना पर ईटीवी भारत से बात करते हुए पूर्व अर्धसैनिक बल शहीद कल्याण संघ के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में पहले से ही कर्मियों की भारी कमी है और मैनपावर कट हर साल बढ़ रहा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हजारों सुरक्षाकर्मी या तो सेवानिवृत्त हो रहे हैं या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले रहे हैं. सरकार खाली पदों को भरने के बजाय नए-नए ऐलान कर रही है. इस तरह की घोषणा करने का क्या फायदा है. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त मैक्सवेल परेरा ने भी कहा है कि इस घोषणा से मौजूदा व्यवस्था में शायद ही कोई बदलाव आएगा.
क्या कहते हैं आंकड़े: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में 1098933 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 127049 पद रिक्त हैं. ईटीवी भारत के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में असम राईफल्स में कुल 65143 कर्मियों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले वर्तमान संख्या 57108 है और 8035 कर्मियों की कमी है. इसी प्रकार सभी सीएपीएफ में भी मानव संसाधन की कमी है. आंकड़ों के अनुसार, बीएसएफ में कुल 265173 कर्मियों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले वर्तमान संख्या 236268 है और 28905 कर्मियों की कमी है.