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Wadhawan brothers in custody: DHFL प्रमोटर वधावन भाइयों को विशेष सुविधा देने वाले 7 पुलिसकर्मी निलंबित - यस बैंक मामला

वधावन बंधुओ को स्पेशल इलाज देने के आरोप में सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. वधावन बंधुओं को स्पेशल अनुचित मदद करने का खुलासा एक टीवी चैनल ने वीडियो जारी कर किया था. जिसके बाद उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने इसकी जांच कराकर आरोपियों को सजा की बात कही थी.

Yes bank matter
वधावन बंधु

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2023, 12:14 PM IST

मुंबई :करोड़ों रुपये के बैंक ऋण घोटाले में गिरफ्तार डीएचएफएल के प्रमोटरों कपिल वधावन और धीरज वधावन को मुंबई के अस्पतालों में चिकित्सा जांच के दौरान विशेष उपचार प्रदान करने के आरोप में सात पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इससे पहले फडणवीस भी इस मामले का संज्ञाम ले चुके थे. अधिकारी ने बुधवार को कहा. वधावन बंधु फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और नई मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं.

एक टीवी चैनल ने हाल ही में न्यायिक हिरासत में रहते हुए वधावन भाइयों को मुंबई के सरकारी अस्पताल में मेडिकल जांच की आड़ में अलग अलग सेवाओं का आनंद लेते हुए दिखाया था. उस ऑपरेशन में दिखाया कि था कि दोनो आरोपी जेल प्रशासन की मेहरबानी से ऐश काट रहे हैं. दोनों मेडिकल जांच के नाम पर हफ्ते में कई बार जेल से अस्पताल जाते हैं वहां पार्किंग में उनकी मीटिंग कराई जाती है, उनके परिवार वाले भी वहां मौजूद रहते हैं, दोनो इस दौरान मोबाइल लैपटोप का भी इस्तेमाल करते हैं, यही नही वधावन बंधु घर से लाया हुआ खाना खाते हैं.

जांच के दौरान, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने पाया कि वधावन बंधुओं को ले जाने वाले पुलिस कर्मियों द्वारा लापरवाही की गई थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, जांच के आधार पर एक उप-निरीक्षक और छह कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) ने मंगलवार शाम को निलंबन आदेश जारी किया. आरोपियों को नई मुंबई पुलिस की एक टीम तलोजा जेल से अस्पताल तक ले गई.

वधावन भाई कथित धोखाधड़ी और धोखाधड़ी के विभिन्न मामलों का सामना कर रहे हैं. पिछले महीने यहां एक विशेष सीबीआई अदालत ने यस बैंक में कथित धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटर धीरज वधावन को मेडिकल जमानत देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, अदालत ने उन्हें हृदय संबंधी बीमारी के लिए एक निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दे दी थी. अदालत ने कारोबारी से कहा कि वह लंबे समय तक अस्पताल में न रहें और उसे लाने ले जाने वाले जेल कर्मचारियों का खर्चा खुद वहन करे.

(एक्सट्रा इनपुट एजेंसी)

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