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महाराष्ट्र: रायगढ़ में लैंडस्लाइड, 12 की मौत, 100 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका, सीएम मौके पर

महाराष्ट्र के रायगढ़ में भारी बारिश के कारण बुधवार रात रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी में भूस्खलन हो गया. इस हादसे में 12 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है. इसमें 100 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है. अब तक 22 लोगों को बचाया जा चुका है.

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Published : Jul 20, 2023, 8:20 AM IST

Updated : Jul 20, 2023, 8:23 PM IST

रायगढ़ में लैंडस्लाइड, 4 की मौत, 100 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका

रायगढ़: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन की घटना सामने आई है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने गुरुवार को कहा कि मलबे में 100 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है. इसमें अभी तक 12 लोगों की मौत हो चुकी हैं. इरासलवाडी गांव में भूस्खलन की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित मंत्री उदय सामंत, गिरीश महाजन, दादा भुसे और महेश बाल्दी तुरंत मौके पर पहुंचे. सीएम एकनाथ शिंदे ने घोषणा की है कि मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये दिए जाएंगे और घायलों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी.

एनडीआरएफ ने कहा कि दो टीमें मौके पर पहुंच गई हैं. खोज एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है. उन्होंने आगे बताया कि ऑपरेशन में शामिल होने के लिए दो और टीमें मुंबई से रवाना हो गई हैं. इस बीच, घटना के बाद रायगढ़ पुलिस ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. पुलिस ने बताया कि अब तक उन्होंने 22 लोगों को मौके से बचाया है लेकिन कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है.

रायगढ़ पुलिस ने कहा कि दिन का उजाला आने पर हमें स्थिति का बेहतर अंदाजा हो जाएगा. वर्तमान में पुलिस और जिला प्रशासन के 100 से अधिक लोग बचाव अभियान में शामिल हैं. हमें एनडीआरएफ, स्थानीय लोगों और कुछ गैर सरकारी संगठनों से भी मदद मिल रही है.

90 प्रतिशत गांव मलबे में दबा: चौक गांव से 6 किमी दूर मोरबे बांध के ऊपर पहाड़ी क्षेत्र में एक आदिवासी गांव है. बताया जा रहा है कि भूस्खलन के बाद गांव का 90 प्रतिशत हिस्सा मलबे में दब गया है. भूस्खलन की घटना रात 10:30 से 11:00 बजे के बीच हुई. इस गांव में 50 से 60 आदिवासी परिवारों की बड़ी आबादी रहती थी. बताया जा रहा है कि अभी भी 30 से 40 परिवार मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं. इस बीच लगातार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के कारण यहां राहत कार्य में दिक्कतें पैदा हो रही हैं.

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अंधेरे और बारिश के कारण मिट्टी फिसलन भरी होने के कारण रेस्क्यू टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जाता है कि घटनास्थल पर जाते समय एक फायरमैन की मौत हो गई. भारी बारिश और घने कोहरे के कारण बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. 19 जुलाई रात 11 बजे तक की जानकारी के मुताबिक, रायगढ़ जिले में सावित्री, अंबा, पातालगंगा और कुंडलिका नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं.

Last Updated : Jul 20, 2023, 8:23 PM IST

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