मुंबई : कथित 38 करोड़ रुपये के कोविड जंबो सेंटर घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने दावा किया है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजीव जयसवाल की इसमें अहम भूमिका थी. एजेंसी ने उनके बांद्रा (पूर्व) आवास पर छापा मारा है. उनके आवास से 13 लाख रुपये नकद और संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए हैं. इसके अलावा अधिकारी की 100 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य संपत्तियों पर छापा मारा है. जिसमें मड द्वीप में आधा एकड़ जमीन भी शामिल है.
गुरुवार को, ईडी ने चार स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें एमएमआर क्षेत्र में बीएमसी के वरिष्ठ अधिकारियों और एक संदिग्ध आपूर्तिकर्ता के दो स्थान शामिल थे. एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनमें से कितनी संपत्तियां अपराध की कमाई से जुड़ी हैं. सूत्रों के अनुसार, जायसवाल ने दावा किया कि ईडी द्वारा चल रही कार्रवाई में उन्हें यह कहते हुए बलि का बकरा बनाया गया है कि वह कोविड महामारी के दौरान राज्य सरकार की ओर से काम कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि केवल वह ही उपकरण, दवाओं की खरीद और अनुबंधों को मंजूरी देने में शामिल नहीं थे. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नौकरशाह और नागरिक अधिकारी भी इसमें शामिल थे. लेकिन केवल उन्हें ही निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि जो संपत्तियां ईडी की जांच के दायरे में हैं, वे उनकी पैतृक संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत मौजूदा बाजार मूल्य के कारण अब 100 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है. हालांकि, एजेंसी ने पूछताछ के लिए जयसवाल को तलब किया था. लेकिन अधिकारी समय की मांग करते हुए ईडी की पूछताछ में शामिल नहीं हुए. जानकारी के मुताबिक, एजेंसी जल्द ही उन्हें दूसरा समन जारी करेगी.