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यूपी, गुजरात, बिहार में मेट्रो रेल परियोजनाएं 2024 तक पूरी होंगी: केंद्र

केंद्र सरकार ने भारत भर के विभिन्न राज्यों में महत्वाकांक्षी मेट्रो रेल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अलग-अलग समय सीमा निर्धारित की है. केंद्र ने कहा है कि यूपी, गुजरात, बिहार में मेट्रो रेल परियोजनाएं 2024 तक पूरी होंगी. उक्त जानकारी आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने गुरुवार को लोकसभा में दी. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

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Published : Dec 16, 2021, 4:28 PM IST

metro rail projects
मेट्रो रेल परियोजनाएं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने भारत भर के विभिन्न राज्यों में महत्वाकांक्षी मेट्रो रेल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अलग-अलग समय सीमा निर्धारित की है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने कहा कि महत्वाकांक्षी पटना मेट्रो रेल परियोजना के फरवरी 2024 तक पूरा होने की संभावना है, इसके बाद अहमदाबाद मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण को जून 2022 और दिसंबर 2023 तक पूरा करने की तैयारी है. केंद्र ने कहा है कि यूपी, गुजरात, बिहार में मेट्रो रेल परियोजनाएं 2024 तक पूरी हो जाएंगी.

इसीक्रम में सूरत मेट्रो रेल परियोजना के मार्च 2024 तक पूरा होने की संभावना है. मुंबई मेट्रो लाइन प्रोजेक्ट तीन के काम को पूरा करने की डेटलाइन मार्च 2023 की है और इसके बाद दिसंबर 2022 तक पुणे मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के प्रथम चरण को पूरा करना है. पूरे भारत में इन महत्वाकांक्षी मेट्रो रेल परियोजनाओं का विवरण देते हुए, आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने गुरुवार को लोकसभा में बताया कि पटना मेट्रो रेल परियोजना के लिए संशोधित अनुमान 2020-21 के तहत 163.00 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.

संशोधित अनुमान 2020-21 के तहत अहमदाबाद मेट्रो परियोजना के प्रथम चरण और द्वितीय चरण के लिए 892.74 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. मंत्री ने बताया कि संशोधित अनुमान 2020-21 के तहत सूरत मेट्रो के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि मुंबई मेट्रो लाइन परियोजना 3 को संशोधित अनुमान 2020-21 के तहत 1,375.00 करोड़ रुपये और पुणे मेट्रो रेल परियोजना के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

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किशोर ने कहा कि मेट्रो रेल नीति 2017 के अनुसार, केंद्र सरकार शहरों या शहरी समूहों में ऐसी मेट्रो परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता पर विचार करती है. उन्होंने कहा कि प्रस्तावसंबंधित राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, जिसे व्यवहार्यता और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर बनाया जाता है.

गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो का द्वारका सेक्टर 21 से इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC), द्वारका तक विस्तार पहले ही 83 फीसद कार्य प्रगति हासिल कर चुका है और मार्च 2022 तक यह कार्य पूरा हो जाएगा. दिल्ली मेट्रो फेज चार (03 प्रायोरिटी कॉरिडोर) के मार्च 2025 तक पूरा होने की संभावना है.

वहीं महत्वाकांक्षी बैंगलोर मेट्रो रेल परियोजना का दूसरा चरण मार्च 2025 तक पूरा होने की संभावना है. इसके अलावा बैंगलोर मेट्रो रेल परियोजना चरण 2 ए और 2 बी के जून 2026 तक पूरा होने की संभावना है. जबकि भोपाल और इंदौर दोनों में मेट्रो रेल परियोजना के मई 2025 तक पूरा होने की संभावना है.

यद्यपि मध्य प्रदेश में दोनों मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए संशोधित अनुमान 2019-20 के तहत 146.09 करोड़ रुपये और 99.16 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. हालांकि 2020-21 के लिए कोई और संशोधित अनुमान नहीं लगाया गया था. इसी प्रकार कानपुर में मेट्रो रेल परियोजनाएं नवंबर 2024 तक पूरी होने की संभावना है, वहीं आगरा मेट्रो रेल परियोजनाएं दिसंबर 2025 तक पूरी होने वाली हैं.

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इसी तरह कोच्चि मेट्रो रेल परियोजना के चरण 1ए के लिए जून 2022 और चरण 2 को मंजूरी की तारीख से चार साल के भीतर पूरा किया जाना है.मंत्री ने आगे कहा कि चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण ने प्रारंभिक कार्य शुरू कर दिया है और पूरा होने की तारीख मंजूरी की तारीख से 6 चरणों में पूरा किया जाएगा. गौरतलब है कि दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) के भी मार्च 2025 तक पूरा होने की संभावना है. इस मेगा प्रोजेक्ट को 2020-21 के संशोधित अनुमान के तहत 2,478.40 करोड़ रुपये की राशि के साथ आवंटित किया गया है.

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