कोलकाता :कोयला तस्करी से लेकर पशु तस्करी तक मिश्रा बंधुओं के लिए सब कुछ 'बच्चों का खेल' है. शुरुआत से ही विनय मिश्रा और उनके भाई विकाश मिश्रा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निशाने पर थे. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक विनय मिश्रा फिलहाल अंडमान के पास एक द्वीप समूह की नागरिकता हासिल करने के बाद छिपे हुए हैं. लेकिन भाई विकाश मिश्रा केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में है. जांच के दौरान सीबीआई अधिकारियों को पता चला कि पिछले पांच-आठ साल में विकास मिश्रा ने कैसे इस तेजी से अकूत संपत्ति बनाई है.
विशेष रूप से 2010 और 2019 के बीच, विकाश मिश्रा की संपत्ति में तेजी से वृद्धि हुई है. इतने कम समय उसने जितनी संपत्ति जमा की वह सभी को हैरान कर देगी. नतीजतन, ईडी उसकी संपत्ति और अवैध स्रोतों का पता लगाने में जुटी है. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि 2019 के बाद विकाश मिश्रा के जीवन स्तर में काफी बदलाव आया है. एक उद्योगपति की छवि के साथ रहते हुए विकाश मिश्रा सभी अवैध गतिविधियों - कोयला और पशु तस्करी से जुड़ा था. फिलहाल इन दोनों मामलों की केंद्रीय एजेंसियां अलग-अलग जांच कर रही हैं. इसके अलावा आय के स्रोत और कोयले और पशु तस्करी के माध्यम से जमा हुई विकाश की संपत्ति की गणना की जा रही है.