बदायूं :भले ही सरकार प्रदेश में टीका महोत्सव मना रही हो लेकिन अब इस टीकाकरण अभियान पर सवाल भी उठने लगे हैं. बदायूं में एक अधिवक्ता को टीके की प्रथम डोज लगे बगैर ही मोबाइल पर टीकाकरण का संदेश प्राप्त हो गया. इसके बाद उन्हें टीकाकरण का सर्टिफिकेट भी मिल गया जबकि अधिवक्ता का कहना है कि उन्हें टीका लगा ही नहीं.
यह घटना सामाजिक कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता हरी प्रताप सिंह राठौर के साथ घटित हुई. उनका आरोप है कि उन्होंने अभी तक कोविड वैक्सीन नहीं लगवाई है. हालांकि उन्होंने कोविड वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन जरूर किया था. इसके बाद उन्हें वैक्सीन लगवाने की डेट और समय मिल गया था. लेकिन आवश्यक कार्य की वजह से वह उस दिन कोविड वैक्सीन लगवाने अस्पताल नहीं जा पाए. दूसरे दिन उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें लिखा हुआ था कि आपको कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज लग चुकी है.
मामले की शिकायत की गई
मैसेज में एक वेबसाइट का लिंक भी दिया हुआ था. इसके द्वारा वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट प्राप्त किया जा सकता था. उन्होंने उस वेबसाइट से वह सर्टिफिकेट भी निकाल लिया. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की शिकायत ट्वीट के माध्यम से तमाम सरकारी विभागों में की. जिसके बाद उनके प्रकरण की जांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात एक डॉक्टर को दे दी गई. हरी प्रताप सिंह राठौर के मुताबिक डॉक्टर साहब का उनके पास फोन आया कि वह इस प्रकरण की जांच करने के लिए सक्षम नहीं है. अधिवक्ता का कहना है कि इसकी वजह से उन्हें वैक्सीन की प्रथम डोज नहीं लग पा रही है.