लखनऊ:शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय में तीसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत दीक्षांत समारोह से हुई. दीक्षांत समारोह कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय मौजूद रहे. दीक्षांत समारोह में 15 मेधावी छात्रों को मेडल से नवाजा गया.
लखनऊ विश्वविद्यालय में शनिवार को स्कॉलर परेड के बाद दीक्षांत समारोह का आगाज हुआ. इस दौरान परंपरागत रूप से स्कॉलर परेड प्रॉक्टर ऑफिस लेकर आयोजन स्थल मालवीय सभागार तक निकाली गई. इस दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विश्वविद्यालय कुलाधिपति की भूमिका में रहीं.
'वैश्विक संवेदना को समझने के लिए घटानी होगी मानवीय दूरी'
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने फोन कर सभी को बधाई दी है. ज्ञान रूपी प्रकाश का विकास लखनऊ विश्वविद्यालय कर रहा है. देश में 100 साल पूरे करने वाले विश्वविद्यालयों में लखनऊ विश्वविद्यालय नौवां विश्वविद्यालय है.
उन्होंने बताया कि यहां के अनेक विद्यार्थियों ने विश्व को चमत्कृत किया है. मेरे लिए यह गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि यह कन्वोकेशन विशेष है. मुझे प्रसन्नता है कि 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाएंगे.
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य दायित्व बोध संपन्न नागरिक बनाना है. समाज में उच्च शिक्षा संस्थानों का दायित्व अधिक है. हमको देश काल की दूरियों को घटाना होगा. हम विविधता का सम्मान करें. वैश्विक संवेदना को समझने के लिए मानवीय दूरी घटानी होगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जीवन जीने की कार्यशाला है, विद्या और विजन मिलते जुलते शब्द हैं.
उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने ताजा की पुरानी यादें
कार्यक्रम के दौरान उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा पूर्ण होना अंत नहीं है, यह नया आरंभ है. यह कन्वोकेशन शताब्दी वर्ष में हो रहा है. उन्होंने बताया कि 1920 में लेजिस्लेटिव काउंसिल को भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद विश्वविद्यालय बना था. अनेक मूर्धन्य आचार्यों का यहां रहना हुआ है. यहां के विद्यार्थी पद्म पुरस्कार विजेता रहे हैं. पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा यहीं के छात्र रहे हैं.