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गुरुग्राम में पारा 45 के पार, दिल्ली में 12 साल बाद अप्रैल में पड़ी इतनी गर्मी, उत्तर पश्चिम भारत में ऑरेंज अलर्ट

दिल्ली ने गुरुवार को भीषण गर्मी का सामना किया और सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तामपान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह पिछले 12 साल में अप्रैल महीने में सबसे अधिक है. राष्ट्रीय राजधानी में इससे पहले 18 अप्रैल 2010 को सबसे अधिक 43.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था. जबकि 29 अप्रैल 1941 को अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया गया था. जो अप्रैल महीने में अब तक का सर्वाधिक तापमान का रिकॉर्ड है.

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गुरुग्राम में गर्मी का सन 79 का रिकॉर्ड टूटा, पारा 45 के पार, दिल्ली में 12 साल बाद अप्रैल में पड़ी इतनी गर्मी, उत्तर पश्चिम भारत के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

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Published : Apr 29, 2022, 8:15 AM IST

Updated : Apr 29, 2022, 9:34 AM IST

नई दिल्ली: अप्रैल में गर्मी नए रिकॉर्ड बना रही है. अबतक देश की राजधानी दिल्ली ने भले ही तापमान और गर्मी को लेकर सुर्खियां बटोरी हो लेकिन गुरुवार को दिल्ली से सटे हरियाणा के जिले गुरुग्राम ने सन 1979 का रिकॉर्ड तोड़ दिया. गुरुग्राम ने इस सीजन का सबसे अधिक तापमान 45.6 दर्ज किया जो सामान्य से 6 डिग्री ऊपर है. अप्रैल के महीने में यह 1979 के बाद सबसे अधिक तापमान है. हालांकि, दिल्ली में भी 12 साल बाद तापमान अप्रैल के महीने में 43.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा. यह पिछले 12 साल में अप्रैल महीने में सबसे अधिक है. राष्ट्रीय राजधानी में इससे पहले 18 अप्रैल 2010 को सबसे अधिक 43.7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था. जबकि 29 अप्रैल 1941 को अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया गया था. जो अप्रैल महीने में अब तक का सर्वाधिक तापमान का रिकॉर्ड है. दिल्ली के स्पोर्टस काम्प्लेक्स में 46 डिग्री सेल्सियस रहा जो राष्ट्रीय राजधानी का सबसे गर्म स्थान रहा. मौसम विभाग के मुताबिक रिज में 45.1 डिग्री, मुंगेशपुर में 45.8 डिग्री, नजफगढ़ में 45.4 डिग्री और पीतमपुरा में 45.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो सामान्य से पांच डिग्री अधिक है.

दिल्ली-एनसीआर के कई अन्य स्टेशनों में अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पहले ही शुक्रवार के लिए अपने पूवार्नुमान के साथ एक ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें लगातार गर्मी की लहर/भीषण गर्मी की स्थिति की की चेतावनी दी गई है. आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने पर भी अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. शाम/रात के समय तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे की गति) के साथ धूल भरी आंधी चलने की संभावना है.

राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के लिए अगले चार दिनों तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. झारखंड, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 3.1 डिग्री सेल्सियस से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. मध्य प्रदेश के राजगढ़ में पारा 45.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया. मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में पारा 47 डिग्री सेल्सियस के पार तक पहुंच सकता है. स्वतंत्र मौसम विज्ञानी नवदीप दहिया ने कहा कि चुरू, बाड़मेर, बीकानेर और श्री गंगानगर जैसे स्थानों पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस सामान्य है, लेकिन उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अप्रैल के अंत तक 45-46 डिग्री सेल्सियस काफी असामान्य है.

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आईएमडी ने कहा कि 2 मई से उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने वाले एक और ताजा पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में, 2-4 मई के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में गरज/बिजली के साथ हल्की/मध्यम वर्षा होने की संभावना है. इस वजह से, 3 और 4 मई के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में हल्की बारिश की संभावना है. अभी के लिए, भारत के बड़े हिस्से में लू की स्थिति बनी रहेगी. आईएमडी ने अगले चार दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में और अगले दो दिनों के दौरान पूर्वी भारत में हीटवेव की स्थिति की भविष्यवाणी की है और इसके बाद यह समाप्त हो जाएगा.25 फरवरी के बाद से कोई महत्वपूर्ण वर्षा नहीं हुई है. 14 अप्रैल और 21 अप्रैल के बीच, राजस्थान और हरियाणा में धूल भरी आंधी आई थी, लेकिन कोई महत्वपूर्ण बारिश नहीं हुई. इसलिए लंबे समय तक शुष्क रहने के कारण उच्च तापमान बना हुआ है. दो मई को पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के लिए कुछ राहत लेकर आएगा. हालांकि, इस साल, जब उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी देखी जा रही है. पूर्वोत्तर क्षेत्र, केरल, तमिलनाडु के बड़े हिस्से में भारी बारिश हो रही है. इसलिए, हमें यह देखने के लिए 30 अप्रैल तक इंतजार करना होगा कि यह औसत कैसे निकलता है.

आर.के. जेनामनी, वरिष्ठ आईएमडी वैज्ञानिक

मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली ‘कोर हीटवेव जोन’ में पड़ता है जिसका अभिप्राय है कि तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के साथ यह देश का सबसे अधिक भीषण गर्मी संभावित क्षेत्र है।उत्तर पश्चिम भारत में मार्च के आखिरी सप्ताह से ही सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आम तौर पर इस मौसम में नियमित अंतराल पर होने वाली बारिश और गरज-चमक के अभाव में यह स्थिति है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधियों में कमी की वजह से इस साल ऐसा हो रहा है।

Last Updated : Apr 29, 2022, 9:34 AM IST

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