दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

मोतीलाल वोरा : नगरपालिका पार्षद से राज्य सभा तक का सफर, सुनें यादगार भाषण - विदाई भाषण में मोतीलाल वोरा

कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा नहीं रहे. उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है. 93 वर्षीय वोरा ने पांच दशकों से भी अधिक समय तक सक्रिय राजनीति में भाग लिया. उन्होंने केंद्र सरकार में भी अहम जिम्मेदारियां निभाईं. उन्होंने राज्यसभा में दिए अपने विदाई भाषण में भारत की वर्तमान राजनीति को लेकर यादगार टिप्पणी की थी. देखें वीडियो

कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा
कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा

By

Published : Dec 21, 2020, 5:14 PM IST

Updated : Dec 21, 2020, 6:34 PM IST

नई दिल्ली : मोतीलाल वोरा का आज 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि कोरोना वायरस के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के बाद यहां एक निजी अस्पताल में उनका निधन हुआ. मोतीलाल वोरा कुछ हफ्ते पहले ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे और कई दिनों तक एम्स में भर्ती रहने के बाद उन्हें छुट्टी भी मिल गई थी.

वोरा दो बार (1985 से 1988 और जनवरी 1989 से दिसंबर 1989 तक) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वोरा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शोक व्यक्त किया है.

लगभग आठ महीने पहले संसद में दिए अपने विदाई भाषण में मोतीलाल वोरा ने भारत की राजनीति के कई पहलुओं का जिक्र किया था. उन्होंने बताया था कि एक नगर परिषद सदस्य से लेकर राज्यसभा तक का सफर उनके लिए काफी सिखाने वाला रहा है. मोतीलाल वोरा ने कुछ ऐसी पुरानी बातों का भी जिक्र किया जिस पर राज्यसभा में तमाम सांसदों ने जमकर ठहाके लगाए. देखें वीडियो

भोपाल की कहावत

उन्होंने कहा कि नगरपालिका पार्षद के रूप में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. इसके बाद दो बार सीएम बना, केंद्र में भी मंत्री बना फिर राज्यपाल बना. इसके बाद संसद पहुंचा. उन्होंने कहा कि भोपाल में एक कहावत है कि 'तालों में ताल भोपाल का ताल बाकी सब तलैया.'

मोतीलाल वोरा से जुड़ी अन्य खबरें-

संसद में लंबे भाषणों का कारण

मोतीलाल वोरा ने कहा कि संसद में विद्वानों को देखने के बाद मुझे लगा कि यहां ऐसे-ऐसे दिग्गज बैठे हैं कि मुझे तैरना सीखना होगा. मैंने तैरना सीखा. 1988 में मंत्री बना. उन्होंने कहा कि तत्कालीन राज्यसभा सभापति शंकर दयाल शर्मा के सभापति रहते मैंने तय किया कि स्वास्थ्य मंत्रालय में मंत्री रहने के दौरान मैंने लंबे-लंबे भाषण दिए. इसका मकसद ये होता था कि किसी भी सांसद के सवाल अछूते न रह जाएं.

इंदिरा गांधी के पास धन का सवाल

मोतीलाल वोरा ने बताया कि देश की एक विधानसभा में नेवालकर जी विधानसभा अध्यक्ष थे. वे जनसंघ के थे. उनके दौर में सवाल उठा था कि श्रीमति इंदिरा गांधी के मेहरौली स्थित फार्म हाउस में धन दबा कर रखा है. हम हल्ला मचाते रहे. अगली सुबह 7 बजे मैं नेवालकर जी के घर पहुंचा और कहा कि यह प्रश्न उठाने दिए.

इंदिरा गांधी पर लगे आरोपों का दिया जवाब

इंदिरा से प्रकरण पर विस्तार से बताते हुए मोतीलाल वोरा ने कहा कि उन्होंने सूर्या मैगजीन में सीआईए का भारत में कैंपस करेक्शन से जुड़ा एक अध्याय निकालकर पढ़ा. उन्होंने कहा कि विधानसभा में मैंने जवाब दिया था कि इंदिरा पर लगे आरोप झूठे हैं. बकौल मोतीलाल वोरा, 'नेताओं का नाम लिए बिना मैंने बताया कि लाखों डॉलर का अनुदान पाने वाले इंदिरा के फार्म हाउस पर सवाल खड़े कर रहे हैं. नाम लेने से कोई लाभ नहीं है.'

वाजपेयी जी का कहना और एक सप्ताह के अंदर...

राज्य सभा सदस्य के रूप में मोतीलाल वोरा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि वाजपेयी जी ने कहा था कि मैं विपक्ष का नेता हूं, लेकिन कोई मेरे क्षेत्र में भी हमारी बात पूरा नहीं करता. बकौल मोतीलाल वोहरा, वाजपेयी जी ने कहा कि उनके क्षेत्र में गड्ढों से भरी सड़कें हैं. उन्होंने बताया कि वाजपेयी जी के कहने के एक हफ्ते के अंदर सड़क निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ.

Last Updated : Dec 21, 2020, 6:34 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details