पुणे : सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन के लिए विभिन्न मराठा संगठनों के एक हजार से ज्यादा सदस्य पुलिस से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद सोलापुर शहर में रविवार को एकत्रित हुए.
सोलापुर पुलिस ने विधान परिषद के पूर्व सदस्य नरेंद्र पाटिल के नेतृत्व में 'मराठा आक्रोश मोर्चा' को विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
पुलिस ने मराठा समर्थक संगठनों के सदस्यों को शहर में छत्रपति संभाजी महाराज की प्रतिमा के पास धरना स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया था और सोलापुर की ओर जाने वाले कई प्रमुख मार्गों को बंद कर दिया था. इसके बावजूद कई प्रदर्शनकारी धरना स्थल तक पहुंचने में सफल रहे.
इस साल मई में उच्चतम न्यायालय ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र के कानून को रद्द कर दिया.
पाटिल ने धरना स्थल पर पत्रकारों से कहा कि अगर पुलिस उन्हे प्रदर्शन की अनुमति नहीं देती है और अवरोधक लगाती है, तो भी मराठा संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे.
उन्होंने कहा, विरोध प्रदर्शन से पहले मैंने जिले की सभी तहसीलों का दौरा किया था और मराठा समुदाय और विभिन्न संगठनों के सदस्यों से मुलाकात की थी. उन्होंने मुझे मोर्चा निकालने के लिए कहा , अगर पुलिस ने मराठा सगठनों के सदस्यों को रोकने की कोशिश की तो उसका जवाब दिया जाएगा.