नालंदा/गया: बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी एकता की बैठक शुक्रवार को तय है. इसमें शामिल होने पहुंची जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती नालंदा के कश्मीरीचक गांव गई और वहां यूसुफ शाह की मजार पर चादरपोशी की. नालंदा के इसलामपुर प्रखंड के बेश्वक पंचायत के कश्मीरी चक में कश्मीर के अंतिम शासक यूसुफ शाह की मजार है. चादर पोशी के बाद उन्होंने नालंदा जिलाधिकारी से पूछा कि इसका आस्ताना क्यों खुला हुआ है. घेराबंदी क्यों नहीं हुई है. बड़ी संख्या में कश्मीर के लोग यहां आना चाहते हैं.
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यूसुफ शाह के मजार को विकसित करने की रखी मांग: जिलाधकारी ने महबूबा मुफ्ती को बताया कि एक करोड़ 38 लाख की राशि घेराबंदी के लिए स्वीकृत हुई है. इस पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 4 एकड़ से अधिक जमीन जो बिल्कुल खाली पड़ी है. इतनी छोटी रकम से क्या होगा. मजार को अच्छे से बनवाएं. यहां पार्क बनवाएं और जरूरत के हिसाब से टूरिज्म डिपार्टमेंट इसे टूरिस्ट प्लेस की तरह विकसित करें. इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि ऊपर बात कर आगे कार्य किया जाएगा. इस पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज ही मैं पटना लौटने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर इसे विकसित करने की मांग करुंगी.
"4 एकड़ से अधिक जमीन जो बिल्कुल खाली पड़ी है. इतने छोटी रकम से क्या होगा. मजार को अच्छे से बनवाएं. यह पार्क और जरूरत के हिसाब से टूरिज्म डिपार्टमेंट इसको टूरिस्ट प्लेस की तरह विकसित करें. आज ही मैं पटना लौटने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर इसे विकसित करने की मांग करुंगी"- महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू कश्मीर
यूसुफ शाह ने नालंदा में गुजारा था अंतिम वक्त:महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर यह काम नीतीश कुमार के शासन में नहीं होगा तो कब होगा. आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री विपक्षी एकता बैठक में शामिल होने के लिए पटना आई हैं. आजाद कश्मीर के अंतिम शासक युसूफ शाह अपने आखिरी दिनों में इस्लामपुर आए और यहीं के होकर रह गए थे. शासक युसूफ शाह का मकबरा इस बात का प्रमाण है कि कश्मीर के बाद वे इस्लामपुर आए थे. वहीं उनकी पत्नी हब्बा खातून भी अंतिम समय में बिहार आईं थी और उन्होंने अंतिम सांस इस्लामपुर में ही ली थी. युसुफ शाह चक के मकबरे के पास हब्बा खातून का भी मकबरा है.