शिलांग :मेघालय के उप मुख्यमंत्री प्रेस्टन तिनसोंग का कहना है कि राज्य में चुनाव प्रचार के लिए आ रहे विभिन्न दलों के स्टार प्रचारक यहां के मामलों से अच्छी तरह परिचित नहीं है. चुनावी मैदान में कई पार्टियों के उतरने से उनकी पार्टी नगालैंड पीपुल्स फ्रंट (एनपीपी) को फायदा होगा. मेघालय में विधानसभा चुनाव के लिए 27 फरवरी को मतदान होगा और दो मार्च को मतगणना होगी. एनपीपी को लगता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) जैसे कई विपक्षी दलों के 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में कम से कम 48 सीटों पर उम्मीदवार उतारने के चलते उसे फायदा होगा.
क्या विपक्षी मतों का विभाजन एनपीपी के लिए मददगार साबित होगा, यह पूछे जाने पर तिनसोंग ने कहा, "यह निश्चित रूप से फायदेमंद होगा." मेघालय में चुनावी समर में विभिन्न दलों के बड़े नेता प्रचार के लिए आ रहे हैं. इनमें भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के राहुल गांधी और पवन खेड़ा तथा तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी शामिल हैं. तिनसोंग ने कहा कि एनपीपी को इसकी परवाह नहीं है.
एनपीपी के वरिष्ठ नेता तिनसोंग ने एक साक्षात्कार में कहा, "यह कार रैली शो की तरह है, इतने सारे लोग सवारी करना चाहते हैं, लेकिन अंततः उन्हें वोट नहीं मिलता." तिनसोंग ने कहा, "हम राज्य से हैं. हमें बाहर से किसी और को लाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वे इसके बारे में कुछ नहीं जानते. हम मेघालय में पैदा हुए और पले-बढ़े हैं. उन मुद्दों को जानते हैं, जो वास्तव में मेघालय के लोगों के लिए मायने रखते हैं."