नई दिल्ली : अमेरिका और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियां दुनियाभर में अपने काम के लिए जानी जाती है, लेकिन उन्हें भी चीन के हैकरों ने छका रखा है. यही वजह है कि दोनों प्रमुख जासूसी एजेंसियों के चीफ- अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के निदेशक क्रिस्टोफर रे (Christopher Wray) और ब्रिटेन की प्रमुख जासूसी एजेंसी MI5 के महानिदेशक केन मैक्कलम (Ken McCallum) ने कहा है कि 'फाइव आईज' जासूसी नेटवर्क का मुख्य विरोधी अब रूस नहीं बल्कि चीन है.
1941 में स्थापित, 'फाइव आईज' पांच देशों-ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूके और यूएस के जासूसी रिंगों (spy ring) का एक विशिष्ट और गुप्त क्लब है, जो राजनयिक, सुरक्षा, सैन्य के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य देशों के भीतर सूचनाओं को इंटरसेप्ट करने के लिए सहयोग करता है. यह दुनिया का सबसे पुराना इंटेलिजेंस शेयरिंग स्पाई नेटवर्क भी है. द्वितीय विश्व युद्ध के अंत से, शीत युद्ध के युग के दौरान और हाल तक, रूस 'फाइव आईज' नेटवर्क के लिए घोषित नंबर एक दुश्मन राष्ट्र था. जाहिर है, यह अब चीन है.
बुधवार को लंदन के टेम्स हाउस जो MI5 का मुख्यालय है, में एक अभूतपूर्व संयुक्त संबोधन में मैक्कलम ने कहा 'चीन 5EYES हेड्स (फाइव आइज़) के एजेंडे में सबसे ऊपर है, और हमारी टीमें प्राथमिकता के आधार पर मिलकर काम कर रही हैं. हम अपने करीबी यूरोपीय भागीदारों के साथ भी ऐसा ही कर रहे हैं. ये गठबंधन हमारी प्रतिक्रिया के केंद्र में रहेंगे.' उन्होंने कहा कि 'जहां तक चीन की बात है MI5 पहले से ही प्रयास दोगुने से अधिक कर चुका है. आज हम 2018 की तुलना में सात गुना अधिक जांच कर रहे हैं. हम रूसी और ईरानी गुप्त खतरों के खिलाफ महत्वपूर्ण प्रयास करते हुए फिर से और अधिक बढ़ने की योजना बना रहे हैं.'
FBI और MI5 लंबे समय से साझेदार :प्रमुख अमेरिकी खुफिया एजेंसी, एफबीआई में लगभग 35,000 लोग कार्यरत हैं जो अमेरिका को आतंकवादी हमलों, विदेशी खुफिया, जासूसी और साइबर अभियानों से बचाने और सभी स्तरों पर सार्वजनिक भ्रष्टाचार का मुकाबला करने में लगे हुए हैं. जबकि MI5 यूके की शीर्ष घरेलू खुफिया एजेंसी है जो जांच से लेकर डेटा विश्लेषण, निगरानी और संचार तक कई तरह के खुफिया कार्यों में लगे हुए लगभग 4,400 लोगों को रोजगार देती है. FBI और MI5 लंबे समय से साझेदार हैं. दोनों ही सौ साल से अधिक पुराने हैं. लंदन में एफबीआई कार्यालय 1942 में खुला था. लेकिन यह पहली बार है कि जब दो जासूसी संगठनों के प्रमुखों ने साथ में सार्वजनिक मंच साझा किया.