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Golden Kite : बसंत पंचमी पर आसमान में उड़ेगी सोने की पतंग, जानिए किसने बनाई और कितनी है लागत

मेरठ के सर्राफा व्यापारी ने इस बार बसंत पंचमी पर उड़ाने के लिए एक खास पतंग तैयार करवाई है. यह सोने की पतंग. साथ ही पतंग को उड़ाने के लिए सोने का मांझा और चरखी भी बनवाई है.

सोने की पतंग.
सोने की पतंग.

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Published : Jan 23, 2023, 3:49 PM IST

मेरठ में बनी सोने की पतंग.

मेरठ: इस बार बसंत पंचमी और गणतंत्र दिवस एक ही दिन हैं. ऐसे में मेरठ में सोने के आभूषण बनाने वाले भी पतंग, मांझे और चरखी से खुद को दूर नहीं कर पाए. यही वजह है कि मेरठ में सोने की खास पतंग यहां तैयार की गई है. इसको बनाने वालों का दावा है कि यह दुनिया की अब तक की सबसे महंगी पतंग है. देश भर में स्वर्ण आभूषणों की खास वैरायटी विकसित करने के लिए स्वर्ण नगरी के तौर पर विख्यात मेरठ एक नया रिकॉर्ड बनाने के लिए इन दिनों आगे बढ़ रहा है. मेरठ में सोने की खास पतंग के साथ ही सोने का मांझा और सोने की ही चरखी भी यहां तैयार की गई है.

दरअसल, मेरठ के सर्राफा व्यापारी ने 25 लाख रुपये की पतंग तैयार की है. यह पतंग पूरी तरह से सोने से निर्मित है. पतंग को बनवाने वाले अंकुर जैन ने बताया कि इस पतंग को मेरठ में सात कारीगरों ने 16 दिन में तैयार किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें पतंग उड़ाने का भी शौक है और बनाने का भी शौक है. उन्होंने कहा कि इसे उड़ाकर अपने शौक को पूरा करेंगे.

जवैलर अंकुर जैन ने बताया कि उन्होंने काफी दिमाग लगाया था कि वे ऐसा क्या नया कर सकते हैं, जो अलग और अनूठा दिखे. इसी मंशा के साथ यह पतंग तैयार की गई है. अंकुर जैन ने कहा कि चाइनीज मांझा बहुत ज्यादा देखने सुनने में आ रहा है. इसका उन्हें विरोध करना है, इसीलिए उन्होंने सोने का मांझा भी तैयार करवाया है.

अंकुर जैन ने बताया कि इस बार विशेष यह है कि गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी एक ही दिन हैं. ऐसे में पतंगबाजी न हो यह तो हो ही नहीं सकता. उन्होंने कहा कि सांकेतिक तौर पर इस पतंग को वह भी अपनी फैमिली के साथ उड़ाएंगे. उन्होंने कहा कि यह पतंग सोने के मांझे और सोने की चरखी के सहयोग से उड़ाएंगे. उन्होंने बताया कि पतंग का 400 ग्राम से भी अधिक वजन है. 20 मीटर सोने का मांझा भी तैयार किया गया है. सोने की चरखी को दिखाते हुए जवैलर ने बताया कि इसकी खासियत यह है कि इसकी चरखी को बनाने में बहुत ज्यादा दिमाग कारीगरों को लगाना पड़ा.

अंकुर जैन ने बताया कि इस पतंग को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड समेत गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराने के लिए वह आगे बढ़ रहे हैं. ताकि, मेरठ को सोने की पतंग बनाने के लिए पहचान मिल सके.

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