लखनऊ :आज के समय में हर कोई फिट रहना चाहता है. इसी चाहत के चक्कर में बहुत सारे युवा जिम जाते हैं और बॉडी बनाते हैं. जहां एक तरफ पुरुष सिक्स पैक बना रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ महिलाएं स्लिम पर्सनालिटी पसंद कर रही हैं. इन सब चक्कर में युवाओं में एनर्जी की खास कमी होती है. इसी कमी को पूरा करने के लिए बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के परामर्श के ही वह मल्टीविटामिन टैबलेट्स लेने लगते हैं या फिर अनेक प्रकार के प्रोटीन लेते हैं जो सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. कोरोना महामारी के बाद से यह अधिक देखने को मिला है कि लोगों में एनर्जी की कमी आई है और इसी एनर्जी को पूरी करने के लिए मल्टी विटामिन टैबलेट्स खाते हैं.
सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार श्रीवास्तव के अनुसार वैसे भी बिना जांच कराए किसी को पता ही नहीं चल सकता कि उसके शरीर में किस चीज की कमी है. इसके लिए खून की जांच होती है. विटामिन-डी, विटामिन-सी, बी-12, आयोडीन जैसी अनेक जांचें होती हैं. जिसमें पता चलता है कि मरीज के शरीर में किस चीज की कमी है और किस चीज की अधिकता है. इस स्थिति में शरीर में किस चीज की कमी है बिना यह सब जाने समझे जब किसी मल्टीविटामिन या कोई दर्द निवारक दवाई व्यक्ति खाता है तो उसे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. कई बार लगातार ऐसी दवाइयां के सेवन से किडनी फेल्योर के भी केस सामने आते हैं. ऐसे व्यक्तियों में लिवर खराब होने के भी संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
केजीएमयू के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के मेडिसिन नहीं लेनी चाहिए, फिर चाहे वह मल्टीविटामिन टेबलेट हो या दर्द निवारक दवा हो. विशेषज्ञ के अनुसार ही दवा लें, क्योंकि विशेषज्ञ बिना जांच के कभी किसी व्यक्ति को हार्ड दवा नहीं देगा. दूसरी बात यह है कि जांच करने के बाद सभी पहलू पता चलते हैं. अधिक एमजी की दवाइयों का लगातार सेवन किडनी फेल्योर की संभावना बढ़ा देता है. अनावश्यक दवाओं के सेवन से कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं या कोई अन्य बीमारी हो सकती है.