संत कबीर नगर (यूपी) :जिन बच्चों को नाजों से पाल कर बड़ा किया, पढ़ाया-लिखाया वहीं बड़े हाेकर एक दिन घर से निकाल देते हैं तो कैसा लगता है? जो बच्चे जिगर के टुकड़े थे, वहीं मान-सम्मान के टुकड़े-टुकड़े कर देते हैं. आखिर इस दर्द को कोई कैसे बयां कर सकता है.
सच तो यह है कि इस दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. ऐसे ही तमाम पीड़ित बुजुर्गों के लिए 15 जून (15 june) को पूरे विश्व में विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरूकता दिवस (world elder abuse awareness day ) मनाया जाता है. संत कबीर नगर (sant kabir nagar) में इसी दिन के उपलक्ष्य में सोमवार शाम को एक कैंप का आयोजन हुआ.
जिले के प्राथमिक विद्यालय मंझरिया की सहायक अध्यापिका अनीता सिंह (anita singh) ने ऐसे तमाम बुजुर्गों के साथ खुशियां बांटते हुए गोरखल स्थित वृद्ध आश्रम में मेडिकल कैंप का आयोजन किया. मेडिकल कैंप के दौरान डॉक्टर आशुतोष पांडे ने वृद्ध आश्रम में रह रहे बुजुर्गों का जांच करते हुए दवाइयां, फल और वस्त्र मुफ्त में बांटे. इस अवसर पर डॉक्टरों का अपनापन देखकर बुजुर्गों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई. कुछ देर के लिए वह अपनों के दिए दर्द को भूल गए.
इस दौरान बुजुर्गों ने कहा कि भले ही हमारे अपनों ने छोड़ दिया लेकिन जिस तरीके से एक सरकारी विद्यालय की शिक्षिका हर साल आकर हमको नए-नए वस्त्र, मिठाइयां, दवाइयां वितरित करती हैं, यह हमारे लिए गर्व की बात है. बुजुर्गों ने कहा कि हमने जितने प्यार से बच्चों को पाला, उन्होंने हमारा उतना ही तिरस्कार किया. बड़े होने के बाद हमको पराया कर दिया. अब हमको वृद्धाश्रम की शरण लेनी पड़ी. वृद्ध आश्रम में कम से कम हमको 2 जून की रोटी और सोने के लिए बिस्तर तो मिल जाते हैं.