कोझिकोड (केरल): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि मीडिया लोगों के जीवन को बदलने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख मलयालम दैनिक मातृभूमि (leading Malayalam daily Mathrubhumi) के शताब्दी वर्ष समारोह का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि मैंने देखा है कि मीडिया का सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. स्वच्छ भारत मिशन का उदाहरण जगजाहिर है.
पीएम मोदी ने कहा कि प्रत्येक मीडिया घराने ने इस मिशन को बड़ी गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि मीडिया ने योग, स्वास्थ्य और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी पहलों को लोकप्रिय बनाने में बहुत उत्साहजनक भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि ये राजनीति और राजनीतिक दलों के क्षेत्र से बाहर के विषय हैं. मोदी ने कहा कि ये पहल आने वाले वर्षों में एक बेहतर राष्ट्र बनाने के बारे में हैं.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए. इनके अलावा केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन और राज्य के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास सहित गणमान्य व्यक्तियों ने इसमें भाग लिया. मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दौर में दुनिया को भारत से कई उम्मीदें हैं. उन्होंने कहा कि जब कोविड-19 महामारी आई तो यह अनुमान लगाया गया था कि भारत चीजों को अच्छी तरह से नहीं संभाल पाएगा. लेकिन भारत के लोगों ने इन आलोचकों को गलत साबित कर दिया.
मुख्यमंत्री विजयन ने भी किया संबोधित
कार्यक्रम में बोलते हुए केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृभूमि की स्वतंत्रता संग्राम के प्रति प्रतिबद्धता सर्वविदित है. स्वतंत्रता के बाद भी मातृभूमि ने समाजवाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों को बरकरार रखा. राज्य में पुनर्जागरण के मूल्यों को मजबूत करने के लिए मातृभूमि सबसे आगे रहा. संस्था, अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई में साथ खड़ी रही. विजयन ने कहा कि ऐसे समय में जब सांप्रदायिक ताकतें देश को पीछे खींच रही हैं तो मातृभूमि की एक महत्वपूर्ण भूमिका बनती है.
मीडिया को कटघरे में खड़ा किया
केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने कहा कि सोशल मीडिया के आगमन में भी मातृभूमि की लोकप्रियता पत्रकारिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण है. मुरलीधरन ने दक्षिणी राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव के कवरेज को लेकर मीडियाकर्मियों की आलोचना भी की और कहा कि अभियान और पत्रकारिता में कोई अंतर नहीं रह गया. उन्होंने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति थी. पत्रकारों की व्यक्तिगत राजनीतिक राय हो सकती है लेकिन यह उनके काम में प्रतिबिंबित नहीं होना चाहिए.
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मुरलीधरन ने कहा कि पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों के बाद भी जब उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम घोषित किए गए तो कुछ पत्रकार इसका विश्लेषण कर रहे थे कि उस राज्य के लोगों के साथ कुछ बुरा हुआ है. उन्होंने कहा कि वे एक राजनीतिक दल के प्रति इतनी असहिष्णुता क्यों दिखा रहे हैं जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश पर शासन करता है? मुझे केरल के उन पत्रकारों पर दया आती है जो कहते हैं कि जो लोग भाजपा को वोट देते हैं वे सांप्रदायिक हैं.