देहरादून :आम बजट को लेकर देश की जनता उम्मीदों की टकटकी लगाए बैठी हैं. बजट को लेकर देश के साथ ही प्रदेश के लोगों की बहुत सी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं. हर कोई बजट को लेकर बेसब्र है. मगर क्या हर कोई बजट में इस्तेमाल होने शब्दों को बखूबी जानता है? जैसे- बजट में क्या कुछ बातें कही जा रही हैं या फिर किस क्षेत्र में क्या कुछ होने वाला है, इसकी जानकारी साफ हो सके. अधिकतर लोग बजट की ABC तक नहीं जानते हैं. ऐसे ही लोगों के लिए ईटीवी भारत ये खास रिपोर्ट लेकर आया है, जिसमें बड़े ही आसान शब्दों में आज बजट के बारे में समझाया गया है.
सबसे पहले जानते हैं बजट के प्रकार : बजट 3 तरह के होते है.
- बैलेंस बजट : सरकार की कमाई और खर्च बराबर
- सरप्लस बजट : सरकार की कमाई खर्च से ज्यादा
- डेफिसिट बजट : सरकार की कमाई खर्च से कम
क्या होती है महंगाई दर
जब किसी देश में वस्तुओं या सेवाओं की कीमतें सामान्य से अधिक हो जाती हैं तो इस स्थिति को महंगाई कहते हैं. एक निश्चित अवधि में चुनिंदा वस्तुओं या सेवाओं के मूल्य में जो वृद्धि या गिरावट आती है, उसे मुद्रास्फीति कहते हैं. इसे जब प्रतिशत में व्यक्त करते हैं तो यह महंगाई दर कहलाती है.
महंगाई दर का मतलब
- इसके बढ़ने का मतलब करंसी की वैल्यू गिरने से है.
- इससे खरीदने की क्षमता घट जाती है.
- खरीदने की क्षमता घटने का मतलब मांग में कमी आने से है.
जीडीपी का मतलब जानिए
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) किसी भी देश की आर्थिक सेहत को मापने का पैमाना है. जीडीपी का आंकड़ा अर्थव्यवस्था के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में उत्पादन की वृद्धि दर पर आधारित होता है.
- बजट में होता है जीडीपी जिक्र.
- जीडीपी को सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं.
- भारतीय जीडीपी में सबसे ज्यादा योगदान सर्विस सेक्टर का है.
- एक वित्तीय वर्ष में उपभोक्ता, व्यापार, सरकार के खर्च को जोड़ने पर जीडीपी निकलती है
- कितने मूल्य की गुड्स और सर्विस को पैदा करना भी जीडीपी कहा जाता है.
डायरेक्ट और इन-डायरेक्ट टैक्स
- डायरेक्ट टैक्स: किसी व्यक्ति और संस्थान की आय पर लगने वाला टैक्स डायरेक्ट टैक्स होता है.
- इसमें इनकम, कॉर्पोरेट और इनहेरिटेंस टैक्स शामिल हैं.
- इन-डायरेक्ट टैक्स: गुड्स और सर्विस पर लगने वाले टैक्स इन-डायरेक्ट टैक्स होता है.
- इसमें कस्टम ड्यूटी (सीमा शुल्क), एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क), जीएसटी शामिल हैं.